बिँदास प्रेम
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बिँदास प्रेम
यहाँ मैँ अपनी लिखी स्टोरी लगाऊँगा जिनके रिव्यूह आप यहाँ https://icufc.forumotion.com/t16-topic दे सकते है।
AMAN KUMAR- Posts : 84
Join date : 2012-06-07
भाग-1.....
एक लड़का था। उसका नाम था-प्रेम। पर उसकी किस्मत खराब थी। उसके नाम के विपरीत सब उसका मजाक उड़ाते थे। जिससे वह परेशान था। उसे एक जीवनसाथी की तलाश थीँ। पर कोई भी लड़की उसे पसंद नहीँ करती थीँ। बेचारा अपनी किस्मत से परेशान था। उसे ज्योतिषियों पर यकीन था। वह अपनी कुंड़ली लेकर ज्योतिष के पास गया और ज्योतिष से पूछा- गुरू मुझे कोई पसंद नहीँ करता क्या मेरी किस्मत मेँ कोई जीवनसाथी हैँ?ज्योतिष- बच्चा तेरी कुंड़ली मेँ जीवनसाथी का योग तो है, पर...प्रेम- पर क्या गुरु जी?ज्योतिष- उसके आने से तेरा जीवन बदल जाएगा।प्रेम- वो तो बदल ही जाता हैँ गुरु।ज्योतिष- बदल जाता है पर तेरा रहन सहन ज्यादा ही बदल जाएगा।प्रेम- आप सीधे-2 बताइये।ज्योतिष- तो सुन तेरी जीवनसाथी को पंगे लेने की आदत है हमेशा पंगे लेती है और वह किसी माफिया गैँग की सदस्य होगी।और कभी-2 वह पागलो जैसी हरकते करती है।प्रेम - क्या कोई और नहीँ है मेरे जीवन मेँज्योतिष- ना और कोई नहीँ है।प्रेम(सोचते हुए भगवान को कोसता है)- कोई मुझे पसंद नहीँ करता और एक है भी तो उसे भी आपने कई महान गुणो से तैयार किया है।तभी ज्योतिष बोलता है- लेकिन उसके तेरी जिन्दगी मेँ आने के बाद के बाद तू सबका चहेता बन जाएगा।प्रेम- माफ करना भगवान तुम्हेँ भला-बुरा कहा मैँ इमोशनल हो गया था।प्रेम- पर गुरु मैँ उसे पहचानुगाँ कैसे?ज्योतिष- आसान है बच्चा वह तुझे पसंद कर लेगी।इसके बाद प्रेम वहाँ से वापस आ गया।और शहर के हर छोटे-बड़े मवाली,गुन्ड़ो के बारे मेँ जानकारी रखने लगा ताकि कहीँ तो उसे अपने सपनोँ की रानी मिले पर हर जगह उसे निराशा ही मिली। अब माफिया वाले ही बचे थे। प्रेम को डर तो लग रहा था पर क्या करे " दिल तो बच्चा है जी "।अब उसने सभी माफिया गैँगो के बारे मे जानकारी एकत्र करना शुरु किया। पर कोई फायदा नहीँ हुआ। बेचारे का दिल टूट गया।वह गुस्से मेँ ज्योतिष के पास जा ही रहा था कि रास्ते मेँ उसे एक लड़की की चीख सुनाई दी। अब वह उनका पीछा करने लगा। और पीछा करते-2 उनके अड्डे पर पहुँच गया। इसके बाद सबकी नजरोँ से बचकर वह लड़की के पास पहुँचा और पूछा - तुम कौन हो और ये गुन्डे तुम्हेँ क्योँ पकड़े हुए हैँ?लड़की- मेरा नाम माया है और इन गुन्डो का मालिक मुझसे शादी करना चाहता है उसने मेरे भाई को मार दिया अब मेरा इस दुनिया मे कोई नहीँ हैँ।प्रेम- है क्योँ नहीँ कोई । मैँ हुँ ना। क्या मैँ आपको पसँद हुँ?लड़की- हाँ।(प्रेम खुश हो जाता है)प्रेम- क्या आप मुझ से शादी करेँगी?लड़की- कर लुँगी पर एक शर्त हैँ।प्रेम - क्या?लड़की- तुम्हेँ इनके मालिक को मारना होगा क्योँकि उसने मेरे भाई को मारा है और उसके जिन्दा रहते हमारी शादी नहीँ हो सकती।प्रेम चुप हो जाता है और इससे पहले कि वह कोई जवाब देता कि उसे कुछ गुन्डो ने देख लिया और पकड़ लिएएक गुन्डा- कौन है बे तू और यहाँ कैसे आ गया?प्रेम के बोलने से पहले ही लड़की ने कहा- ये मेरा प्रेमी है। मुझे तुम जालिमोँ के कैद से छुडाने और तुम्हारे मालिक को मारने आया है।(प्रेम मन ही मन उस लड़की पर गुस्सा हो जाता है।)एक गुन्डा- क्यु रे मजनु के बच्चे क्या ये सच कह रही है?प्रेम- ना,ना जी म..म..मैँ तो इसे जानता भी नहीँ ये तो बावली है मैँ तो यहाँ आपके मालिक से मिलने आया था।
(प्रेम को गुन्ड़ो के मालिक के पास ले जाया जाता हैँ।)
मालिक- कौन है तू और यहाँ कैसे आ गया?
प्रेम- मेरा नाम प्रेम है और मेँ तो यहाँ आपके गैँग मेँ शामिल होने आया था।
मालिक- था, क्योँ अब शामिल नहीँ होना तुझे?
प्रेम- ना जी मुझे आपके गैँग मेँ अब शामिल नहीँ होना हैँ।
मालिक- क्यु?
प्रेम- क्योँकि आप के गैँग के जितने भी आदमी है सब के सब कामचोर है ड्युटी के वक्त सभी ऊँघ रहे थे अगर वह बावली लड़की चिल्लाती नहीँ तो आपके कामचोर लोगो को मेरी भनक भी ना लगती। मुझे आपके गैँग मेँ शामिल नहीँ होना क्या पता आप भी इन सबके जैसे हो।
मालिक(गुस्से मेँ)- तूने मेरी बेइज्जती की है अब तू जिन्दा नहीँ बचेगा।
प्रेम- वाह जी वाह, अगर मेँ आपकी बड़ाई करता या झूठ-मूठ की तारीफ करता तो आप मुझे मारते नहीँ बल्कि हो सकता तो मुझे कुछ इनाम-वनाम भी दे देते लेकिन मेरे सच बोलने पर आप मुझे मारना चाहते हैँ मैँने तो सोचा कि आप बाकि माफिया वालोँ से अलग हैँ,महान है पर मेरा ऐसा सोचना भी गलत है आप भी बाकि माफिया वालो की तरह ही है जो पहले सच बोलने को कहते है और फिर सच बोलने पर टपका देते है। आपके चमचे भी इसी लिए आपकी तारीफ आपके सामने करते है और पीठ पिछे भला-बुरा कहते हैँ। मैँ जब यहाँ आया था तो ये आपकी बुराई ही कर रहे थे।
मालिक- कौन हैँ वह?
प्रेम- मुझे पकड़ कर लाने वाले चमचे। यहाँ जब मैँ छुप कर आ रहा था तो उस वक्त कह रहे थे कि हमारे खड़ुस मालिक तो दिन भर आराम करते है और हमेँ निगरानी करने को कहते हैँ।
गुन्ड़े- ये झूठ बोल रहा है आपसे बचने के लिए।
प्रेम- ना जी मैँ झूठ नहीँ बोल रहा हुँ मुझे झूठ बोलकर मरना थोड़े ना है, और मेरी इनसे दुश्मनी भी नहीँ है जो मैँने देखा और सुना वही बता रहा हुँ। आप तो इनकी बात ही मानेँगे मेरी थोड़े ना।
मालिक- मैँ तुम्हारी बात मानु भी क्युँ?
प्रेम- मैँ कहना तो नहीँ चाहता पर मुझे लगता है आप भुलक्कड़ भी है मैँ कब से कह रहा हुँ कि मैँ झूठ नहीँ बोलता आप खुद इन पर निगरानी रखकर देख लीजिए।
मालिक- ठीक हैँ।
प्रेम- तो फिर मैँ जाऊँ।
मालिक- तु कहाँ जा रहा है तेरा हिसाब तो बाकि है वह तो पूरा हो जाने दे।
प्रेम- अगर आप मुझे मारेँगे नहीँ तो मैँ आप को एक बढ़िया सुझाव दुँगा।
मालिक- जल्दी बक।
प्रेम-आपको लोगो को मारकर क्या हासिल होता है मरने के बाद उन्हेँ मुक्ति मिल जाती है इसके बदले आप उनकी हड्डी-पसली तोड़ कर अपंग कर दिया करिए वो बन्दा आपको जीवन-भर याद रखेगा और हो सके तो आपकी बात भी मानेगा।
मालिक- अच्छा सुझाव है अब मैँ तुझे मारुँगा नहीँ....
प्रेम- शुक्रिया।
मालिक- ...बल्कि तेरी हड्डी पसली तोड़ुँगा।
क्रमशः
(प्रेम को गुन्ड़ो के मालिक के पास ले जाया जाता हैँ।)
मालिक- कौन है तू और यहाँ कैसे आ गया?
प्रेम- मेरा नाम प्रेम है और मेँ तो यहाँ आपके गैँग मेँ शामिल होने आया था।
मालिक- था, क्योँ अब शामिल नहीँ होना तुझे?
प्रेम- ना जी मुझे आपके गैँग मेँ अब शामिल नहीँ होना हैँ।
मालिक- क्यु?
प्रेम- क्योँकि आप के गैँग के जितने भी आदमी है सब के सब कामचोर है ड्युटी के वक्त सभी ऊँघ रहे थे अगर वह बावली लड़की चिल्लाती नहीँ तो आपके कामचोर लोगो को मेरी भनक भी ना लगती। मुझे आपके गैँग मेँ शामिल नहीँ होना क्या पता आप भी इन सबके जैसे हो।
मालिक(गुस्से मेँ)- तूने मेरी बेइज्जती की है अब तू जिन्दा नहीँ बचेगा।
प्रेम- वाह जी वाह, अगर मेँ आपकी बड़ाई करता या झूठ-मूठ की तारीफ करता तो आप मुझे मारते नहीँ बल्कि हो सकता तो मुझे कुछ इनाम-वनाम भी दे देते लेकिन मेरे सच बोलने पर आप मुझे मारना चाहते हैँ मैँने तो सोचा कि आप बाकि माफिया वालोँ से अलग हैँ,महान है पर मेरा ऐसा सोचना भी गलत है आप भी बाकि माफिया वालो की तरह ही है जो पहले सच बोलने को कहते है और फिर सच बोलने पर टपका देते है। आपके चमचे भी इसी लिए आपकी तारीफ आपके सामने करते है और पीठ पिछे भला-बुरा कहते हैँ। मैँ जब यहाँ आया था तो ये आपकी बुराई ही कर रहे थे।
मालिक- कौन हैँ वह?
प्रेम- मुझे पकड़ कर लाने वाले चमचे। यहाँ जब मैँ छुप कर आ रहा था तो उस वक्त कह रहे थे कि हमारे खड़ुस मालिक तो दिन भर आराम करते है और हमेँ निगरानी करने को कहते हैँ।
गुन्ड़े- ये झूठ बोल रहा है आपसे बचने के लिए।
प्रेम- ना जी मैँ झूठ नहीँ बोल रहा हुँ मुझे झूठ बोलकर मरना थोड़े ना है, और मेरी इनसे दुश्मनी भी नहीँ है जो मैँने देखा और सुना वही बता रहा हुँ। आप तो इनकी बात ही मानेँगे मेरी थोड़े ना।
मालिक- मैँ तुम्हारी बात मानु भी क्युँ?
प्रेम- मैँ कहना तो नहीँ चाहता पर मुझे लगता है आप भुलक्कड़ भी है मैँ कब से कह रहा हुँ कि मैँ झूठ नहीँ बोलता आप खुद इन पर निगरानी रखकर देख लीजिए।
मालिक- ठीक हैँ।
प्रेम- तो फिर मैँ जाऊँ।
मालिक- तु कहाँ जा रहा है तेरा हिसाब तो बाकि है वह तो पूरा हो जाने दे।
प्रेम- अगर आप मुझे मारेँगे नहीँ तो मैँ आप को एक बढ़िया सुझाव दुँगा।
मालिक- जल्दी बक।
प्रेम-आपको लोगो को मारकर क्या हासिल होता है मरने के बाद उन्हेँ मुक्ति मिल जाती है इसके बदले आप उनकी हड्डी-पसली तोड़ कर अपंग कर दिया करिए वो बन्दा आपको जीवन-भर याद रखेगा और हो सके तो आपकी बात भी मानेगा।
मालिक- अच्छा सुझाव है अब मैँ तुझे मारुँगा नहीँ....
प्रेम- शुक्रिया।
मालिक- ...बल्कि तेरी हड्डी पसली तोड़ुँगा।
क्रमशः
AMAN KUMAR- Posts : 84
Join date : 2012-06-07
भाग-2.....
गुंडे प्रेम को पकड़ कर ले जाते है।
(तभी प्रेम को गुरु की बात याद आ जाती है कि लड़की के आने के बाद उसकी जिन्दगी बदल जाएगी)
और वह सोचने लगता है " गुरु ने सच ही कहा था पर ये नहीँ कहा था कि मुझे अपंग बनकर जीना होगा।"
प्रेम(मालिक से)- मैँने आपको इतना बहुमूल्य सुझाव दिया आपको मुझे ईनाम-वनाम देना चाहिए।
मालिक- दिया तो ईनाम।
प्रेम- कहाँ दिया मुझे तो नहीँ दिखाई दे रहा(इधर-उधर देखते हुए)
मालिक- अबे इधर-उधर मत देख तेरी जान बख्श दी मैँने ये क्या कम ईनाम है तेरे लिए।
प्रेम समझ गया कि अब कुछ नहीँ हो सकता तभी उसे एक आइडिया आता है।
प्रेम-अगर आप मुझे छोड़ दे तो मैँ आपको दुसरे गैँग जो आपका दुश्मन है,कि जानकारी दुँगा पर आप पहले वादा करो कि मुझे कुछ नहीँ करोगे ।
मालिक(सोचकर)-अ...ठीक है मैँ न तो तुझे मारुँगा न ही तुझे पिटवाऊँगा।
फिर प्रेम ने मालिक को दुसरे गैँग के बारे मेँ पूरी जानकारी दे दी। और वहाँ से जाने लगा तभी पीछे से एक लड़की की आवाज आयी- ठहरो। फिर उसने गुंडो से प्रेम को पकड़ लेने को कहा।
प्रेम- आँय अब मुझे क्युँ पकड़ रहे हो?
गुंडे-तुझे पकड़ने का आदेश है।
प्रेम-मुझे पकड़ने का आदेश किसने दिया नामुरादो। दुबारा डांट खानी है क्या तुम्हेँ, एक बार मेँ मन नहीँ भरा क्या जो मुझे दुबारा पकड़ रहे हो।
गुंडे-इस बार हम अपनी मर्जी से नहीँ बल्कि मालिक की बहन के आदेश पर तुझे पकड़ रहे हैँ।
प्रेम-मालिक की बहन!
गुंडे-हाँ।
(प्रेम सोचता है "बेटे प्रेम अब तेरा भांडा फूट जाएगा ये वही लड़की होगी जिससे तूने बातेँ की है अब अपने बचने का रास्ता खोज क्युँकि अब वह लड़की मालिक को सब बता देगी और उसके बाद तेरा क्या होगा ये बताने की जरुरत नहीँ हैँ।")
प्रेम डरते-2 मालिक और उसकी बहन के पास गया और वहाँ जाकर उसकी जान मेँ जान आयी क्युँकि वहाँ कोई दुसरी लड़की थी जो अपने भाई से बातेँ कर रही थी।
लड़की-आप इसे अपने गिरोह मेँ शामिल कर लो भाई इसके जैसे तेज दिमाग वालोँ की आपके गैँग को जरुरत है जिसने कितनी आसानी से आपके द्वारा दिए गए मौत के फरमान को आसानी से टाल दिया।और मुझे लगता है कि ये एक गैँग के अलावा भी बाकि गैँग के बारे मेँ भी जानकारी रखता है इसे आप अपना कमांडर बना लीजिए।
मालिक- चाहता तो मैँ भी हुँ पर ये यहाँ पर नहीँ रहना चाहता।
लड़की-कमांडर बनने की बात पर शायद आपके गैँग मेँ शामिल हो जाए।
मालिक-अच्छा सुझाव है।
प्रेम की तरफ देखते हुए मालिक-देख बे तू मेरी गैँग मेँ शामिल हो जा बदले मेँ मैँ तूझे इस गैँग का कमांडर बना दुँगा।क्या कहता है तू?
प्रेम- इन सुस्तो का कमांडर नहीँ बनना मुझे।किसी को पकड़ना भी आता है इनको,मुझे ऐसे पकड़ कर ला रहे थे जैसे मैँ कोई बच्चा हुँ इनकी संगत मेँ रहकर मुझे भी निक्कमा नहीँ बनना।
(गुंडो की तरफ मुड़कर धीरे से-मैँने कहा था न मुझे पकड़ कर ले गए तो दुबारा डांट पड़वा दुँगा)
मालिक-इनको तो मैँ बाद मेँ देखुँगा पर तेरा कुछ करना पड़ेगा बहुत ज्यादा बोल रहा हैँ।
प्रेम-अबे जा अब तू मुझे कुछ नहीँ कर सकता और अगर तूने अपनी कसम तोड़ी तो तू मर्द नहीँ क्युँकि मैँने सुना है कि मर्द अपनी जान दे देते है पर अपने वचन की लाज रखते हैँ।
मालिक अपनी बहन से-ये बहुत चालाक है।मुझे भी अपनी बातोँ मेँ फँसा लिया।ये बन्दा काबू मेँ नहीँ आने वाला अब कुछ नहीँ हो सकता।
मालिक की बहन-आप आदेश नहीँ दे सकते पर मैँ दे सकती हुँ इसे पिटवाने का आदेश।
फिर गुंडो की तरफ मुड़ते हुए-इसे दिखा दो कि तुम सब क्या हो? इसकी हड्डी पसल्ली एक कर दो।
प्रेम इस आदेश से डर जाता है फिर कुछ सोचकर बोलता है- अपने से कुछ नहीँ होता तो अब अपनी बहन को आदेश देता है डरपोक।
मालिक(भावावेश मेँ)-कोई इसे कुछ नहीँ करेगा।
अपनी बहन से-मैँने पहले ही कहा था ये बहुत चालाक है,आसानी से काबू मेँ नहीँ आएगा।
मालिक की बहन-इसे काबू मेँ करने का एक और आइडिया है पर उससे पहले मैँ इससे अकेले मैँ बात कर इसे समझाना चाहुँगी और अगर ये नहीँ माना तो फिर इसकी वह हालत होगी जो ये सोच भी नहीँ सकता।
इसके बाद प्रेम को मालिक की बहन अकेले मेँ ले जाती है और उसे अपने गैँग मेँ शामिल होने के लिए कहती है और ना करने की सूरत मेँ उसे अपने भाई से पिटवाने को कहती है।
प्रेम इस धमकी से नहीँ डरता है और कहता है-मुझे धमकाओ मत तेरा भाई मेरा कुछ बिगाड़ नहीँ सकता।
लड़की-ये तेरा भ्रम है अगर मैँ उन्हेँ बता दुँ कि वे तुझे पीट कर तेरी हड्डी पसल्ली एक कर सकते है या फिर तुझे अधमरा कर सकते है तो उन्हेँ ऐसा करने मेँ बहुत खुशी होगी जितना अपमान तुने उनका किया है वो आराम से एक-एक कर तुझसे बदला ले लेँगे और सुन मेरे भाई ने कहा था "मैँ न तो तुझे मारुँगा न ही तुझे पिटवाऊँगा।" इसका मतलब वे तुझे जान से नहीँ मार सकते और ना ही दुसरोँ के हाथोँ पिटवा सकते है पर खुद आराम से तुझे पिट सकते है और तुझे बंदी बनाकर रख सकते है।
प्रेम उसकी बात सुनकर सोचने लगता है"ये तो मुझसे भी ज्यादा चालाक निकली। फिलहाल तो इसकी बात माननी ही पड़ेगी। इसके रहते मेरी चालाकी यहाँ नहीँ चलेगी। पता नहीँ एकाएक कहाँ से आ गई? मैँ यहाँ से निकल ही जाता अगर ये चुड़ैल बीच मेँ टाँग ना अड़ाती।"
प्रेम-ठीक है पर मेरी कुछ शर्ते हैँ।
लड़की-क्या शर्ते है?
प्रेम-वह मैँ बाद मेँ बताऊँगा पहले ये बताओ कि तुम कौन हो और एकाएक यहाँ कैसे आ गई? मेरी जानकारी के अनुसार तो मालिक की कोई बहन नहीँ है फिर तु कहाँ से पैदा हो गई? और तुने मालिक के सामने ही क्यँ नहीँ बताया कि वह मुझे बंधक बना सकते है या पीट सकते हैँ?
लड़की-मेरा नाम पूजा है। मैँ मालिक की सौतेली बहन हुँ और अपनी पढ़ाई पूरी करके दो दिन पहले यहाँ आई हुँ।और मैँने अपने भाई को ये सब इसलिए नहीँ बताया क्युँ कि मैँ नहीँ चाहती थी कि मेरा भाई तुम्हेँ पीटे।
प्रेम-पर तू क्युँ नहीँ चाहती कि तेरा भाई मुझे पीटे।
क्रमशः
(तभी प्रेम को गुरु की बात याद आ जाती है कि लड़की के आने के बाद उसकी जिन्दगी बदल जाएगी)
और वह सोचने लगता है " गुरु ने सच ही कहा था पर ये नहीँ कहा था कि मुझे अपंग बनकर जीना होगा।"
प्रेम(मालिक से)- मैँने आपको इतना बहुमूल्य सुझाव दिया आपको मुझे ईनाम-वनाम देना चाहिए।
मालिक- दिया तो ईनाम।
प्रेम- कहाँ दिया मुझे तो नहीँ दिखाई दे रहा(इधर-उधर देखते हुए)
मालिक- अबे इधर-उधर मत देख तेरी जान बख्श दी मैँने ये क्या कम ईनाम है तेरे लिए।
प्रेम समझ गया कि अब कुछ नहीँ हो सकता तभी उसे एक आइडिया आता है।
प्रेम-अगर आप मुझे छोड़ दे तो मैँ आपको दुसरे गैँग जो आपका दुश्मन है,कि जानकारी दुँगा पर आप पहले वादा करो कि मुझे कुछ नहीँ करोगे ।
मालिक(सोचकर)-अ...ठीक है मैँ न तो तुझे मारुँगा न ही तुझे पिटवाऊँगा।
फिर प्रेम ने मालिक को दुसरे गैँग के बारे मेँ पूरी जानकारी दे दी। और वहाँ से जाने लगा तभी पीछे से एक लड़की की आवाज आयी- ठहरो। फिर उसने गुंडो से प्रेम को पकड़ लेने को कहा।
प्रेम- आँय अब मुझे क्युँ पकड़ रहे हो?
गुंडे-तुझे पकड़ने का आदेश है।
प्रेम-मुझे पकड़ने का आदेश किसने दिया नामुरादो। दुबारा डांट खानी है क्या तुम्हेँ, एक बार मेँ मन नहीँ भरा क्या जो मुझे दुबारा पकड़ रहे हो।
गुंडे-इस बार हम अपनी मर्जी से नहीँ बल्कि मालिक की बहन के आदेश पर तुझे पकड़ रहे हैँ।
प्रेम-मालिक की बहन!
गुंडे-हाँ।
(प्रेम सोचता है "बेटे प्रेम अब तेरा भांडा फूट जाएगा ये वही लड़की होगी जिससे तूने बातेँ की है अब अपने बचने का रास्ता खोज क्युँकि अब वह लड़की मालिक को सब बता देगी और उसके बाद तेरा क्या होगा ये बताने की जरुरत नहीँ हैँ।")
प्रेम डरते-2 मालिक और उसकी बहन के पास गया और वहाँ जाकर उसकी जान मेँ जान आयी क्युँकि वहाँ कोई दुसरी लड़की थी जो अपने भाई से बातेँ कर रही थी।
लड़की-आप इसे अपने गिरोह मेँ शामिल कर लो भाई इसके जैसे तेज दिमाग वालोँ की आपके गैँग को जरुरत है जिसने कितनी आसानी से आपके द्वारा दिए गए मौत के फरमान को आसानी से टाल दिया।और मुझे लगता है कि ये एक गैँग के अलावा भी बाकि गैँग के बारे मेँ भी जानकारी रखता है इसे आप अपना कमांडर बना लीजिए।
मालिक- चाहता तो मैँ भी हुँ पर ये यहाँ पर नहीँ रहना चाहता।
लड़की-कमांडर बनने की बात पर शायद आपके गैँग मेँ शामिल हो जाए।
मालिक-अच्छा सुझाव है।
प्रेम की तरफ देखते हुए मालिक-देख बे तू मेरी गैँग मेँ शामिल हो जा बदले मेँ मैँ तूझे इस गैँग का कमांडर बना दुँगा।क्या कहता है तू?
प्रेम- इन सुस्तो का कमांडर नहीँ बनना मुझे।किसी को पकड़ना भी आता है इनको,मुझे ऐसे पकड़ कर ला रहे थे जैसे मैँ कोई बच्चा हुँ इनकी संगत मेँ रहकर मुझे भी निक्कमा नहीँ बनना।
(गुंडो की तरफ मुड़कर धीरे से-मैँने कहा था न मुझे पकड़ कर ले गए तो दुबारा डांट पड़वा दुँगा)
मालिक-इनको तो मैँ बाद मेँ देखुँगा पर तेरा कुछ करना पड़ेगा बहुत ज्यादा बोल रहा हैँ।
प्रेम-अबे जा अब तू मुझे कुछ नहीँ कर सकता और अगर तूने अपनी कसम तोड़ी तो तू मर्द नहीँ क्युँकि मैँने सुना है कि मर्द अपनी जान दे देते है पर अपने वचन की लाज रखते हैँ।
मालिक अपनी बहन से-ये बहुत चालाक है।मुझे भी अपनी बातोँ मेँ फँसा लिया।ये बन्दा काबू मेँ नहीँ आने वाला अब कुछ नहीँ हो सकता।
मालिक की बहन-आप आदेश नहीँ दे सकते पर मैँ दे सकती हुँ इसे पिटवाने का आदेश।
फिर गुंडो की तरफ मुड़ते हुए-इसे दिखा दो कि तुम सब क्या हो? इसकी हड्डी पसल्ली एक कर दो।
प्रेम इस आदेश से डर जाता है फिर कुछ सोचकर बोलता है- अपने से कुछ नहीँ होता तो अब अपनी बहन को आदेश देता है डरपोक।
मालिक(भावावेश मेँ)-कोई इसे कुछ नहीँ करेगा।
अपनी बहन से-मैँने पहले ही कहा था ये बहुत चालाक है,आसानी से काबू मेँ नहीँ आएगा।
मालिक की बहन-इसे काबू मेँ करने का एक और आइडिया है पर उससे पहले मैँ इससे अकेले मैँ बात कर इसे समझाना चाहुँगी और अगर ये नहीँ माना तो फिर इसकी वह हालत होगी जो ये सोच भी नहीँ सकता।
इसके बाद प्रेम को मालिक की बहन अकेले मेँ ले जाती है और उसे अपने गैँग मेँ शामिल होने के लिए कहती है और ना करने की सूरत मेँ उसे अपने भाई से पिटवाने को कहती है।
प्रेम इस धमकी से नहीँ डरता है और कहता है-मुझे धमकाओ मत तेरा भाई मेरा कुछ बिगाड़ नहीँ सकता।
लड़की-ये तेरा भ्रम है अगर मैँ उन्हेँ बता दुँ कि वे तुझे पीट कर तेरी हड्डी पसल्ली एक कर सकते है या फिर तुझे अधमरा कर सकते है तो उन्हेँ ऐसा करने मेँ बहुत खुशी होगी जितना अपमान तुने उनका किया है वो आराम से एक-एक कर तुझसे बदला ले लेँगे और सुन मेरे भाई ने कहा था "मैँ न तो तुझे मारुँगा न ही तुझे पिटवाऊँगा।" इसका मतलब वे तुझे जान से नहीँ मार सकते और ना ही दुसरोँ के हाथोँ पिटवा सकते है पर खुद आराम से तुझे पिट सकते है और तुझे बंदी बनाकर रख सकते है।
प्रेम उसकी बात सुनकर सोचने लगता है"ये तो मुझसे भी ज्यादा चालाक निकली। फिलहाल तो इसकी बात माननी ही पड़ेगी। इसके रहते मेरी चालाकी यहाँ नहीँ चलेगी। पता नहीँ एकाएक कहाँ से आ गई? मैँ यहाँ से निकल ही जाता अगर ये चुड़ैल बीच मेँ टाँग ना अड़ाती।"
प्रेम-ठीक है पर मेरी कुछ शर्ते हैँ।
लड़की-क्या शर्ते है?
प्रेम-वह मैँ बाद मेँ बताऊँगा पहले ये बताओ कि तुम कौन हो और एकाएक यहाँ कैसे आ गई? मेरी जानकारी के अनुसार तो मालिक की कोई बहन नहीँ है फिर तु कहाँ से पैदा हो गई? और तुने मालिक के सामने ही क्यँ नहीँ बताया कि वह मुझे बंधक बना सकते है या पीट सकते हैँ?
लड़की-मेरा नाम पूजा है। मैँ मालिक की सौतेली बहन हुँ और अपनी पढ़ाई पूरी करके दो दिन पहले यहाँ आई हुँ।और मैँने अपने भाई को ये सब इसलिए नहीँ बताया क्युँ कि मैँ नहीँ चाहती थी कि मेरा भाई तुम्हेँ पीटे।
प्रेम-पर तू क्युँ नहीँ चाहती कि तेरा भाई मुझे पीटे।
क्रमशः
AMAN KUMAR- Posts : 84
Join date : 2012-06-07
भाग-3.....
पूजा- क्युँकि मैँ नहीँ चाहती कि मेरा भाई तुम्हारे सुन्दर चेहरे को बिगाड़े। तुम हैँडसम हो स्मार्ट हो और मुझे अच्छे भी लगते हो।
(प्रेम सोचता है-हुँह! "अच्छे लगते हो" अगर अच्छा ही लग रहा होता तो मुझे यहाँ मरवाने के लिए जबरदस्ती काम ना कराती।इसे मजा ना चखाया तो मेरा नाम भी प्रेम नहीँ")
(इधर पूजा भी सोच रही थी"एक बार मेरे काबू मेँ आ जा फिर मैँ जिस काम के लिए यहाँ आई हुँ उसे तेरे द्वारा आसानी से करा लूँगी")
प्रेम-मेरी शर्तेँ भी सुन लो।
(i) मैँ अपनी मर्जी से काम करुँगा कोई मुझसे सवाल जवाब नहीँ करेगा।
(ii) मैँ सिर्फ बदमाशोँ,क्रिमिनल को मारने मेँ साथ दुँगा।
(iii) सबसे महत्वपूर्ण मुझे बंदुक चलाना और कराटे,जूडो नहीँ आते ये सब सिखाना होगा
पूजा-बंदुक चलाना तो मैँ सिखा दुँगी पर ये जूडो-कराटे क्युँ सिखना चाहते हो?
प्रेम-देखो मैँने पहले ही कहा कि मेरी किसी भी बात का कोई जवाब नहीँ मांगेगा पर ये पहली बार है इसलिए बता रहा हुँ।आजकल के गुंडे एडवाँस हो गए है वह अपने गैँग मेँ तरह-2 के फाईटर शामिल करने लगे है।हमारे गैँग मेँ भी ऐसे फाईटर होने चाहिए।
पूजा-वह भी तुम ही होगे।
प्रेम-हाँ अब इन सुस्तोँ पर मुझे भरोसा नहीँ और कमांडर बनने का कुछ फायदा तो मिलना चाहिए।
पूजा-ठीक है।
(प्रेम सोचता है"दाँव-पेँच सिखने के बाद मैँ यहाँ से भाग जाऊँगा)
और इस तरह से फाईटर बनने की शर्त पर प्रेम कमांडर बनने को राजी हो जाता है।
प्रैक्टिस के दौरान प्रेम को बहुत मुश्किलेँ आई।जैसे-कभी वह ज्यादा मेहनत करने के कारण बेहोश हो जाता तो कभी उसकी कोई हड्डी टूट जाती।जैसे तैसे उसकी ट्रेनिँग पूरी हुई। और वह वहाँ से भागने का प्लान सोचने लगा।पर भागने से पहले उसने एक बार माया से मिलने की सोची। और वह माया के पास गया।
प्रेम-कैसी हो?
माया-मैँ मरुँ या जिन्दा रहुँ इससे तुम्हेँ क्या मतलब।
प्रेम-मुझे तुम पसंद हो और मैँ तुम्हारे साथ रहना चाहता हुँ।
माया-पर मैँ तुम्हारे साथ नहीँ रहना चाहती?
प्रेम-पर तुमने उस दिन कहा था कि मैँ तुम्हेँ पसंद हुँ।
माया-पसंद थे पर अब नहीँ हो।
प्रेम-क्युँ,क्या हुआ?
माया- क्यँकि तुमने मुझे उस दिन बावली और पता नहीँ क्या-2 क्या था इन गुंन्डोँ और मालिक के सामने।
प्रेम-अ...देखो अगर मैँ उस दिन तुम्हेँ ऐसा ना कहता तो आज मेरी लाश को चील कौव्वे खा रहे होते।उन्हेँ विश्वास दिलाने के लिए ऐसा कहना पड़ा।अब देखो उन्होँने मुझे कमांडर बना दिया है पर मैँ यहाँ से भाग जाऊँगा और पुलिस को लेकर यहाँ वापस आऊँगा।
माया-चालाक हो पर बेवकूफोँ जैसी बातेँ कर रहे हो।यहाँ पर रहकर तुम इस गैँग के बारे मेँ अच्छे से जान सकते हो और मालिक को भी आसानी से मार सकते हो।
प्रेम-मैँ मालिक को मारे बिना भी तुम्हेँ इस कैद से आजाद करा दुँगा और अब मालिक भी मेरा कुछ बिगाड़ नहीँ सकता।
माया-नहीँ जब तक वह मरेगा नहीँ मैँ तुमसे शादी नहीँ करुँगी।
प्रेम-सोचता हुँ।
प्रेम को वहाँ रहते हुए एक महीना हो गया था पर इतने दिन उसकी ट्रेनिँग मेँ ही बीत गये थे।अब उसे अपने जौहर दिखाने थे और अपने गैँग को भी दुरुस्त रखना था।
प्रेम(सभी गुंडोँ से)-आज से मैँ तुम्हारा कमांडर हुँ और आज से तुम सबकी मस्ती खत्म।ठीक एक घंटे के अंदर मुझे इस शहर मेँ मौजुद हर गैँग की जानकारी चाहिए अब सब रफूचक्कर हो लो
और हाँ तुम दोनो जमुरोँ इधर आओ(दोनो पहरेदारोँ को बुलाता है) तुम दोनो ने मुझे पकड़ा था मैँने कहा था न कि मुझे पकड़ कर तुम दोनो अपना ही नुकसान करोगे उस समय तो तुम मेरा मजाक उड़ा रहे थे देखो मेरी ताकत।आज से तुम दोनो हर 10मिनट मेँ एक बार आकर मुझे सलाम करोगे यही तुम्हारी सजा है।
एक घंटे बाद-
सभी दुबारा एक जगह पर थे।
प्रेम-दिखाओ सभी गैँग के जानकारी।
एक गुंडा-जी इस फाईल मेँ है सबकी जानकारी(एक तरफ रखी फाईल की तरफ इशारा करते हुए)
प्रेम फाईल पढ़ता है फिर झुंझलाते हुए-कामचोरो बस इतना ही जानते हो इससे ज्यादा तो मैँ ही जानता हुँ।
तभी एक गुंडा एक अलग फाईल प्रेम को दिखाते हुए-इस गैँग के कारण हमारा हर महीने लाखोँ का नुकसान होता है।और इसका बॉस कौन है ये भी नहीँ मालुम जहाँ तक हमेँ पता है कोई लड़की इस गैँग की बॉस है।
प्रेम-ठीक है फिर इसे ही सबसे पहले देखते है।सभी को तैयार होने को कहो।
और प्रेम अपने पहले मिशन पर निकल पड़ा।
दुश्मनोँ के अड्डे पर पहुँचकर प्रेम- सभी आगे रहेँगे और मैँ सबसे पीछे ताकि देखता रहुँ कि तुममेँ से कोई भाग तो नहीँ गया और चार आदमी मुझे घेरे रहेँगे ताकि कोई गोली मुझे ना लगे।
ताबडतोड़ फायरिँग करते हुए सभी अन्दर पहुँचे।
अन्दर पहुँचने पर विपक्षी गैँग का कमांडर-बारुद के सहारे तो कोई भी जीत जाएगा दम है तो बाहु-बल से जीत कर दिखाओ।
प्रेम इस चुनौती को स्वीकार करता है।और सभी को हथियार चलाने को मना कर देता है।
विपक्षी गैँग का कमांडर-ये हुई ना मर्दोँ वाली बात और वह अपने फाईटर को बुलाता है
फाईटर को देख कर प्रेम को हँसी आ जाती है और वह कहता है-ये शराबी है तुम्हारा फाईटर।इसे तो मैँ दो मिनट मेँ हरा दुँगा।
विपक्षी कमांडर-कोशिश करके देख लो ये हमारा सबसे खतरनाक कातिल है।
प्रेम(अपने आदमियो से)-लगता है डर के मारे पागल हो गया है अभी इसके आदमी को मार कर आता हुँ।बेचारा तो ठीक से खड़ा भी नहीँ हो पा रहा ऐसा लगता है अभी गिर जाएगा ये मेरे जैसे फाईटर के सामने टिक नहीँ पाएगा।
और प्रेम लड़ने के लिए तैयार हो जाता है।
प्रेम और शराबी आमने-सामने थे। शराबी ने प्रेम को पहला वार करने को कहा।जिसे प्रेम ने स्वीकार कर लिया।और प्रेम ने शराबी के मुँह पर मुक्का जड़ना चाहा पर शराबी झूमते हुए बच गया ।इस बार प्रेम ने उसके लात को निशाना बनाया पर शराबी इस बार भी बच गया।प्रेम ने झुंझलाते हुए ताबडतोड़ कई वार किए पर शराबी हर बार बच गया।और प्रेम के रुकते ही शराबी ने एक जबरदस्त लात प्रेम को जड़ दी जिससे प्रेम कई फीट दूर जा गिरा।
क्रमशः
(प्रेम सोचता है-हुँह! "अच्छे लगते हो" अगर अच्छा ही लग रहा होता तो मुझे यहाँ मरवाने के लिए जबरदस्ती काम ना कराती।इसे मजा ना चखाया तो मेरा नाम भी प्रेम नहीँ")
(इधर पूजा भी सोच रही थी"एक बार मेरे काबू मेँ आ जा फिर मैँ जिस काम के लिए यहाँ आई हुँ उसे तेरे द्वारा आसानी से करा लूँगी")
प्रेम-मेरी शर्तेँ भी सुन लो।
(i) मैँ अपनी मर्जी से काम करुँगा कोई मुझसे सवाल जवाब नहीँ करेगा।
(ii) मैँ सिर्फ बदमाशोँ,क्रिमिनल को मारने मेँ साथ दुँगा।
(iii) सबसे महत्वपूर्ण मुझे बंदुक चलाना और कराटे,जूडो नहीँ आते ये सब सिखाना होगा
पूजा-बंदुक चलाना तो मैँ सिखा दुँगी पर ये जूडो-कराटे क्युँ सिखना चाहते हो?
प्रेम-देखो मैँने पहले ही कहा कि मेरी किसी भी बात का कोई जवाब नहीँ मांगेगा पर ये पहली बार है इसलिए बता रहा हुँ।आजकल के गुंडे एडवाँस हो गए है वह अपने गैँग मेँ तरह-2 के फाईटर शामिल करने लगे है।हमारे गैँग मेँ भी ऐसे फाईटर होने चाहिए।
पूजा-वह भी तुम ही होगे।
प्रेम-हाँ अब इन सुस्तोँ पर मुझे भरोसा नहीँ और कमांडर बनने का कुछ फायदा तो मिलना चाहिए।
पूजा-ठीक है।
(प्रेम सोचता है"दाँव-पेँच सिखने के बाद मैँ यहाँ से भाग जाऊँगा)
और इस तरह से फाईटर बनने की शर्त पर प्रेम कमांडर बनने को राजी हो जाता है।
प्रैक्टिस के दौरान प्रेम को बहुत मुश्किलेँ आई।जैसे-कभी वह ज्यादा मेहनत करने के कारण बेहोश हो जाता तो कभी उसकी कोई हड्डी टूट जाती।जैसे तैसे उसकी ट्रेनिँग पूरी हुई। और वह वहाँ से भागने का प्लान सोचने लगा।पर भागने से पहले उसने एक बार माया से मिलने की सोची। और वह माया के पास गया।
प्रेम-कैसी हो?
माया-मैँ मरुँ या जिन्दा रहुँ इससे तुम्हेँ क्या मतलब।
प्रेम-मुझे तुम पसंद हो और मैँ तुम्हारे साथ रहना चाहता हुँ।
माया-पर मैँ तुम्हारे साथ नहीँ रहना चाहती?
प्रेम-पर तुमने उस दिन कहा था कि मैँ तुम्हेँ पसंद हुँ।
माया-पसंद थे पर अब नहीँ हो।
प्रेम-क्युँ,क्या हुआ?
माया- क्यँकि तुमने मुझे उस दिन बावली और पता नहीँ क्या-2 क्या था इन गुंन्डोँ और मालिक के सामने।
प्रेम-अ...देखो अगर मैँ उस दिन तुम्हेँ ऐसा ना कहता तो आज मेरी लाश को चील कौव्वे खा रहे होते।उन्हेँ विश्वास दिलाने के लिए ऐसा कहना पड़ा।अब देखो उन्होँने मुझे कमांडर बना दिया है पर मैँ यहाँ से भाग जाऊँगा और पुलिस को लेकर यहाँ वापस आऊँगा।
माया-चालाक हो पर बेवकूफोँ जैसी बातेँ कर रहे हो।यहाँ पर रहकर तुम इस गैँग के बारे मेँ अच्छे से जान सकते हो और मालिक को भी आसानी से मार सकते हो।
प्रेम-मैँ मालिक को मारे बिना भी तुम्हेँ इस कैद से आजाद करा दुँगा और अब मालिक भी मेरा कुछ बिगाड़ नहीँ सकता।
माया-नहीँ जब तक वह मरेगा नहीँ मैँ तुमसे शादी नहीँ करुँगी।
प्रेम-सोचता हुँ।
प्रेम को वहाँ रहते हुए एक महीना हो गया था पर इतने दिन उसकी ट्रेनिँग मेँ ही बीत गये थे।अब उसे अपने जौहर दिखाने थे और अपने गैँग को भी दुरुस्त रखना था।
प्रेम(सभी गुंडोँ से)-आज से मैँ तुम्हारा कमांडर हुँ और आज से तुम सबकी मस्ती खत्म।ठीक एक घंटे के अंदर मुझे इस शहर मेँ मौजुद हर गैँग की जानकारी चाहिए अब सब रफूचक्कर हो लो
और हाँ तुम दोनो जमुरोँ इधर आओ(दोनो पहरेदारोँ को बुलाता है) तुम दोनो ने मुझे पकड़ा था मैँने कहा था न कि मुझे पकड़ कर तुम दोनो अपना ही नुकसान करोगे उस समय तो तुम मेरा मजाक उड़ा रहे थे देखो मेरी ताकत।आज से तुम दोनो हर 10मिनट मेँ एक बार आकर मुझे सलाम करोगे यही तुम्हारी सजा है।
एक घंटे बाद-
सभी दुबारा एक जगह पर थे।
प्रेम-दिखाओ सभी गैँग के जानकारी।
एक गुंडा-जी इस फाईल मेँ है सबकी जानकारी(एक तरफ रखी फाईल की तरफ इशारा करते हुए)
प्रेम फाईल पढ़ता है फिर झुंझलाते हुए-कामचोरो बस इतना ही जानते हो इससे ज्यादा तो मैँ ही जानता हुँ।
तभी एक गुंडा एक अलग फाईल प्रेम को दिखाते हुए-इस गैँग के कारण हमारा हर महीने लाखोँ का नुकसान होता है।और इसका बॉस कौन है ये भी नहीँ मालुम जहाँ तक हमेँ पता है कोई लड़की इस गैँग की बॉस है।
प्रेम-ठीक है फिर इसे ही सबसे पहले देखते है।सभी को तैयार होने को कहो।
और प्रेम अपने पहले मिशन पर निकल पड़ा।
दुश्मनोँ के अड्डे पर पहुँचकर प्रेम- सभी आगे रहेँगे और मैँ सबसे पीछे ताकि देखता रहुँ कि तुममेँ से कोई भाग तो नहीँ गया और चार आदमी मुझे घेरे रहेँगे ताकि कोई गोली मुझे ना लगे।
ताबडतोड़ फायरिँग करते हुए सभी अन्दर पहुँचे।
अन्दर पहुँचने पर विपक्षी गैँग का कमांडर-बारुद के सहारे तो कोई भी जीत जाएगा दम है तो बाहु-बल से जीत कर दिखाओ।
प्रेम इस चुनौती को स्वीकार करता है।और सभी को हथियार चलाने को मना कर देता है।
विपक्षी गैँग का कमांडर-ये हुई ना मर्दोँ वाली बात और वह अपने फाईटर को बुलाता है
फाईटर को देख कर प्रेम को हँसी आ जाती है और वह कहता है-ये शराबी है तुम्हारा फाईटर।इसे तो मैँ दो मिनट मेँ हरा दुँगा।
विपक्षी कमांडर-कोशिश करके देख लो ये हमारा सबसे खतरनाक कातिल है।
प्रेम(अपने आदमियो से)-लगता है डर के मारे पागल हो गया है अभी इसके आदमी को मार कर आता हुँ।बेचारा तो ठीक से खड़ा भी नहीँ हो पा रहा ऐसा लगता है अभी गिर जाएगा ये मेरे जैसे फाईटर के सामने टिक नहीँ पाएगा।
और प्रेम लड़ने के लिए तैयार हो जाता है।
प्रेम और शराबी आमने-सामने थे। शराबी ने प्रेम को पहला वार करने को कहा।जिसे प्रेम ने स्वीकार कर लिया।और प्रेम ने शराबी के मुँह पर मुक्का जड़ना चाहा पर शराबी झूमते हुए बच गया ।इस बार प्रेम ने उसके लात को निशाना बनाया पर शराबी इस बार भी बच गया।प्रेम ने झुंझलाते हुए ताबडतोड़ कई वार किए पर शराबी हर बार बच गया।और प्रेम के रुकते ही शराबी ने एक जबरदस्त लात प्रेम को जड़ दी जिससे प्रेम कई फीट दूर जा गिरा।
क्रमशः
AMAN KUMAR- Posts : 84
Join date : 2012-06-07
भाग-4.....
भाग-4
प्रेम के गुंडे-क्या हुआ कमांडर? जोर की पड़ी है क्या?
प्रेम-ना,ना मैँ तो अभी रिहर्सल कर रहा था देख रहा था कि इस शराबी मेँ कुछ जान भी है, या इसको मुझे डराने के लिए सबसे खतरनाक हत्यारा बताया जा रहा है। अब देखो मेरा कमाल।
प्रेम के गुंडे-कब से तो वही देखना चाहते है पर आप तो कब से पिटा रहे हैँ?
प्रेम-तो देखो मेरा कमाल।
पर असलियत तो यह थी कि प्रेम सारी कोशिशेँ कर के देख चुका था पर कोई फायदा नहीँ हुआ था।और वह अपने आदमियोँ के सामने शर्मिँदा नहीँ होना चाहता था।
प्रेम ने इस बार शराबी की हरकतोँ पर नजर रखनी चाही कि आखिर शराबी किस तरह वार कर रहा है पर वह नाकाम रहा क्युँकि शराबी झूमते हुए अचानक वार कर रहा था जो प्रेम को समझ मेँ नहीँ आ रहा था।
प्रेम(सोचता है)-"पता नहीँ कमबख्त किस तरह वार कर रहा है और ऊपर से मेरे आदमी मेरा मजाक उड़ा रहे है।जब भी इसपर वार करना चाहता हुँ ये बच जाता है।इसका ईलाज ढूँढना पड़ेगा वरना मेरी हड्डियोँ को टूटने से कोई नहीँ बचा पाएगा।"
प्रेम अभी यह सोच ही रहा था कि शराबी ने ताबड़तोड़ कई वार प्रेम पर कर दिया।
प्रेम-"हाय रे मार डाला नामुराद ने थोड़ा मौका भी नहीँ दे रहा वार करने का।एक भी वार कर देता तो अपने आदमियोँ के सामने मैँ बेइज्जत ना होता कमबख्त मदद करने के बजाए मेरी खिल्ली उड़ा रहे हैँ।इनसे तो मैँ बाद मेँ निपटूँगा पहले इस शराबी से निपट लुँ।"
अचानक प्रेम को आइडिया आता है और वह अपने आदमियोँ की बँदुकेँ माँगता है।
एक गुंडा(खिल्ली उड़ाता हुआ)-बँदुक का इस्तेमाल करने पर हमारे गैँग की बेइज्जती हो जाएगी जो आपको पसंद नहीँ है।
प्रेम-मैँ इसका इस्तेमाल दूसरी तरह से करुँगा।
प्रेम बँदुक की सारी गोलियाँ निकाल लेता है और उसे शराबी की तरफ उछाल देता है ये सोचकर कि गोलियोँ पर चलने से शराबी का बैलेँस बिगड़ जाएगा और उसे वार करने का मौका मिल जाएगा पर हुआ इसके विपरित शराबी ने इसे अपना हथियार बना लिया और शराबी और तेजी से प्रेम पर वार करने लगा।और उसके एक वार से प्रेम के हाथ की एक हड्डी क्रैक हो गई।शराबी के एक और वार करते ही प्रेम फेँकाता हुआ वापस अपने आदमियोँ के सामने पहुँच गया।
एक गुंडा-अभी तक आपका कमाल देखने को नहीँ मिला या ये आपका कमाल ही है।
प्रेम-हाँ,हाँ ये मेरा कमाल ही है। मैँ इसे दो मिनट मेँ हरा दूँगा,पर मैँ ऐसे मामुली गुंडो से नहीँ लड़ता वह तो मैँ जानबूझकर इससे पिटा रहा हुँ वरना ये कहेगा कि वार करने का मौका नहीँ दे रहा।
एक गुंडा- वो तो दिख ही रहा है कौन किसको मौका दे रहा है।
प्रेम-अ... मैँ सोच रहा हुँ कि तुममेँ से कोई इसे हराए।मैँ ऐसे मामुली फाईटर से नहीँ लड़ता।ऐसा करने से मेरा ही अपमान होगा।
गुंड़े-ना हम इससे नहीँ लड़ेगे ये तो हमेँ दो मिनट मेँ हरा देगा हम तो भई कामचोर है।इसके सामने टिक नहीँ पाएँगे।हम नहीँ लड़ेगे इससे।एक गोली मारते किस्सा खत्म पर आपको तो खुजली हो रही थी मर्द बनने की।खुजली खत्म हो गई या शराबी ने साफ कर दिया पीट-पीटकर।
प्रेम-कमबख्तोँ एक तो ऑर्डर नहीँ मान रहे हो ऊपर से भाषण दे रहे हो अगर ऑर्डर नहीँ मानना तो कम से कम चुप तो हो जाओ।
गुंड़े-ठीक है हम चुप हो जाते है पर इससे नहीँ लड़ेँगे वरना हमारी हड्डी-पसलियोँ का कीमा बन जाएगा।
प्रेम(सोचता है)-डरपोक है सब।एक बार यहाँ से जिन्दा निकल जाऊँ फिर इनकी खबर लुँगा।ये शराबी तो वार करने का मौका भी नहीँ दे रहा मैँने सोचा था गोलियोँ से इसका बैलेँस बिगड़ जाएगा पर ये तो और तेजी से वार करने लगा।बेटे प्रेम जल्दी से कोई रास्ता खोज वरना तू तो गया ऊपर। और ऐसा रास्ता खोजना कि ये उसे अपना हथियार ना बना लेँ।
अचानक प्रेम को आइडिया आता है और वह सभी बँदुकेँ उठाकर एक कमरे मेँ भाग जाता है।शराबी उसके पीछे जाता है पर प्रेम ने दरवाजा अंदर से बँद किया हुआ था।शराबी को दरवाजा तोड़ने मेँ एक मिनट लग गया।अंदर की हालत देख कर शराबी हैरान रह गया।प्रेम मजे से बैठा हॉर्लिक्स पी रहा था।शराबी को देखकर प्रेम कहता है।
प्रेम- मुझसे लड़कर तू अपने हाथ पैर ही तुड़वाएगा अब मैँने हॉर्लिस पी लिया है।अब मुझे जो भी मारेगा वह अपना ही नुकसान करेगा।
शराबी ने गुस्से मेँ आकर प्रेम को मारना चाहा पर प्रेम ने अपना हाथ आगे कर दिया जिससे शराबी चीख उठा।शराबी ने दुबारा प्रेम को मारना चाहा पर इस बार भी प्रेम ने अपना हाथ आगे कर दिया।शराबी वार करता रहा और प्रेम हर बार अपना हाथ-पैर आगे करता रहा।
थोड़ी देर बाद-
शराबी के हाथ-पैर दर्द के मारे बुरी तरह दुखने लगे थे।शराबी के हाथ-पैर के कुछ हड्डी भी टूट गए थे।तंग आकर शराबी ने वार करना बँद कर दिया अब उसमेँ हिम्मत नहीँ बची थी।
प्रेम-देखा मैँने कहा था ना कि मुझपर वार कर तू अपना ही करेगा तुड़वा लिया अपनी हड्डियाँ।तसल्ली मिल गई अब चुपचाप हार मानता है या फिर मैँ भी अपना हाथ साफ कर ही लुँ।
शराबी-हार मानता हुँ उस्ताद।ये कौन सी टेक्निक थी जिसमेँ वार करने वाले को ही चोट लगे।
प्रेम-ये प्रेम-स्टाइल है मैँने बताया तो था हॉर्लिक्स पीने के बाद जो भी मुझपर वार करता है उसका ही नुकसान होता है।
विपक्षी कमांडर को जब इसका पता चलता है तो वह प्रेम और उसके आदमियोँ पर गोलियाँ चलवा देता है।
प्रेम-अबे अबे बेईमानी करता है बेईमन्टा।
प्रेम अपने आदमियोँ से-अबे कमबख्तोँ तुम सब भी गोँलियाँ चलाओ या मेरे मरने का इंतजार कर रहे हो।
प्रेम के आदमी-हमारे सभी गोलियाँ और बँदुके तो तुमने शराबी से लड़ने मेँ खत्म कर दिया।
प्रेम-अबे कमबख्तोँ बम का अचार डालोगे क्या?उसे फेँको इनपर।
प्रेम के आदमी विपक्षी गैँग पर बम फेँकते है जिससे कई आदमी मर जाते है और साथ ही साथ मकान मेँ आग लग जाती है।
विपक्षी कमांडर ये देखकर स्टोर रुम की तरफ भागता है पर वह प्रेम की नजरोँ से बच नहीँ पाता है और प्रेम उसके पीछे भागता है। वहाँ विपक्षी कमांडर किसी की फोटो और कुछ कागजेँ जला रहा था।जब प्रेम की नजर उन फोटोज पर पड़ी तो...
क्रमशः
प्रेम के गुंडे-क्या हुआ कमांडर? जोर की पड़ी है क्या?
प्रेम-ना,ना मैँ तो अभी रिहर्सल कर रहा था देख रहा था कि इस शराबी मेँ कुछ जान भी है, या इसको मुझे डराने के लिए सबसे खतरनाक हत्यारा बताया जा रहा है। अब देखो मेरा कमाल।
प्रेम के गुंडे-कब से तो वही देखना चाहते है पर आप तो कब से पिटा रहे हैँ?
प्रेम-तो देखो मेरा कमाल।
पर असलियत तो यह थी कि प्रेम सारी कोशिशेँ कर के देख चुका था पर कोई फायदा नहीँ हुआ था।और वह अपने आदमियोँ के सामने शर्मिँदा नहीँ होना चाहता था।
प्रेम ने इस बार शराबी की हरकतोँ पर नजर रखनी चाही कि आखिर शराबी किस तरह वार कर रहा है पर वह नाकाम रहा क्युँकि शराबी झूमते हुए अचानक वार कर रहा था जो प्रेम को समझ मेँ नहीँ आ रहा था।
प्रेम(सोचता है)-"पता नहीँ कमबख्त किस तरह वार कर रहा है और ऊपर से मेरे आदमी मेरा मजाक उड़ा रहे है।जब भी इसपर वार करना चाहता हुँ ये बच जाता है।इसका ईलाज ढूँढना पड़ेगा वरना मेरी हड्डियोँ को टूटने से कोई नहीँ बचा पाएगा।"
प्रेम अभी यह सोच ही रहा था कि शराबी ने ताबड़तोड़ कई वार प्रेम पर कर दिया।
प्रेम-"हाय रे मार डाला नामुराद ने थोड़ा मौका भी नहीँ दे रहा वार करने का।एक भी वार कर देता तो अपने आदमियोँ के सामने मैँ बेइज्जत ना होता कमबख्त मदद करने के बजाए मेरी खिल्ली उड़ा रहे हैँ।इनसे तो मैँ बाद मेँ निपटूँगा पहले इस शराबी से निपट लुँ।"
अचानक प्रेम को आइडिया आता है और वह अपने आदमियोँ की बँदुकेँ माँगता है।
एक गुंडा(खिल्ली उड़ाता हुआ)-बँदुक का इस्तेमाल करने पर हमारे गैँग की बेइज्जती हो जाएगी जो आपको पसंद नहीँ है।
प्रेम-मैँ इसका इस्तेमाल दूसरी तरह से करुँगा।
प्रेम बँदुक की सारी गोलियाँ निकाल लेता है और उसे शराबी की तरफ उछाल देता है ये सोचकर कि गोलियोँ पर चलने से शराबी का बैलेँस बिगड़ जाएगा और उसे वार करने का मौका मिल जाएगा पर हुआ इसके विपरित शराबी ने इसे अपना हथियार बना लिया और शराबी और तेजी से प्रेम पर वार करने लगा।और उसके एक वार से प्रेम के हाथ की एक हड्डी क्रैक हो गई।शराबी के एक और वार करते ही प्रेम फेँकाता हुआ वापस अपने आदमियोँ के सामने पहुँच गया।
एक गुंडा-अभी तक आपका कमाल देखने को नहीँ मिला या ये आपका कमाल ही है।
प्रेम-हाँ,हाँ ये मेरा कमाल ही है। मैँ इसे दो मिनट मेँ हरा दूँगा,पर मैँ ऐसे मामुली गुंडो से नहीँ लड़ता वह तो मैँ जानबूझकर इससे पिटा रहा हुँ वरना ये कहेगा कि वार करने का मौका नहीँ दे रहा।
एक गुंडा- वो तो दिख ही रहा है कौन किसको मौका दे रहा है।
प्रेम-अ... मैँ सोच रहा हुँ कि तुममेँ से कोई इसे हराए।मैँ ऐसे मामुली फाईटर से नहीँ लड़ता।ऐसा करने से मेरा ही अपमान होगा।
गुंड़े-ना हम इससे नहीँ लड़ेगे ये तो हमेँ दो मिनट मेँ हरा देगा हम तो भई कामचोर है।इसके सामने टिक नहीँ पाएँगे।हम नहीँ लड़ेगे इससे।एक गोली मारते किस्सा खत्म पर आपको तो खुजली हो रही थी मर्द बनने की।खुजली खत्म हो गई या शराबी ने साफ कर दिया पीट-पीटकर।
प्रेम-कमबख्तोँ एक तो ऑर्डर नहीँ मान रहे हो ऊपर से भाषण दे रहे हो अगर ऑर्डर नहीँ मानना तो कम से कम चुप तो हो जाओ।
गुंड़े-ठीक है हम चुप हो जाते है पर इससे नहीँ लड़ेँगे वरना हमारी हड्डी-पसलियोँ का कीमा बन जाएगा।
प्रेम(सोचता है)-डरपोक है सब।एक बार यहाँ से जिन्दा निकल जाऊँ फिर इनकी खबर लुँगा।ये शराबी तो वार करने का मौका भी नहीँ दे रहा मैँने सोचा था गोलियोँ से इसका बैलेँस बिगड़ जाएगा पर ये तो और तेजी से वार करने लगा।बेटे प्रेम जल्दी से कोई रास्ता खोज वरना तू तो गया ऊपर। और ऐसा रास्ता खोजना कि ये उसे अपना हथियार ना बना लेँ।
अचानक प्रेम को आइडिया आता है और वह सभी बँदुकेँ उठाकर एक कमरे मेँ भाग जाता है।शराबी उसके पीछे जाता है पर प्रेम ने दरवाजा अंदर से बँद किया हुआ था।शराबी को दरवाजा तोड़ने मेँ एक मिनट लग गया।अंदर की हालत देख कर शराबी हैरान रह गया।प्रेम मजे से बैठा हॉर्लिक्स पी रहा था।शराबी को देखकर प्रेम कहता है।
प्रेम- मुझसे लड़कर तू अपने हाथ पैर ही तुड़वाएगा अब मैँने हॉर्लिस पी लिया है।अब मुझे जो भी मारेगा वह अपना ही नुकसान करेगा।
शराबी ने गुस्से मेँ आकर प्रेम को मारना चाहा पर प्रेम ने अपना हाथ आगे कर दिया जिससे शराबी चीख उठा।शराबी ने दुबारा प्रेम को मारना चाहा पर इस बार भी प्रेम ने अपना हाथ आगे कर दिया।शराबी वार करता रहा और प्रेम हर बार अपना हाथ-पैर आगे करता रहा।
थोड़ी देर बाद-
शराबी के हाथ-पैर दर्द के मारे बुरी तरह दुखने लगे थे।शराबी के हाथ-पैर के कुछ हड्डी भी टूट गए थे।तंग आकर शराबी ने वार करना बँद कर दिया अब उसमेँ हिम्मत नहीँ बची थी।
प्रेम-देखा मैँने कहा था ना कि मुझपर वार कर तू अपना ही करेगा तुड़वा लिया अपनी हड्डियाँ।तसल्ली मिल गई अब चुपचाप हार मानता है या फिर मैँ भी अपना हाथ साफ कर ही लुँ।
शराबी-हार मानता हुँ उस्ताद।ये कौन सी टेक्निक थी जिसमेँ वार करने वाले को ही चोट लगे।
प्रेम-ये प्रेम-स्टाइल है मैँने बताया तो था हॉर्लिक्स पीने के बाद जो भी मुझपर वार करता है उसका ही नुकसान होता है।
विपक्षी कमांडर को जब इसका पता चलता है तो वह प्रेम और उसके आदमियोँ पर गोलियाँ चलवा देता है।
प्रेम-अबे अबे बेईमानी करता है बेईमन्टा।
प्रेम अपने आदमियोँ से-अबे कमबख्तोँ तुम सब भी गोँलियाँ चलाओ या मेरे मरने का इंतजार कर रहे हो।
प्रेम के आदमी-हमारे सभी गोलियाँ और बँदुके तो तुमने शराबी से लड़ने मेँ खत्म कर दिया।
प्रेम-अबे कमबख्तोँ बम का अचार डालोगे क्या?उसे फेँको इनपर।
प्रेम के आदमी विपक्षी गैँग पर बम फेँकते है जिससे कई आदमी मर जाते है और साथ ही साथ मकान मेँ आग लग जाती है।
विपक्षी कमांडर ये देखकर स्टोर रुम की तरफ भागता है पर वह प्रेम की नजरोँ से बच नहीँ पाता है और प्रेम उसके पीछे भागता है। वहाँ विपक्षी कमांडर किसी की फोटो और कुछ कागजेँ जला रहा था।जब प्रेम की नजर उन फोटोज पर पड़ी तो...
क्रमशः
AMAN KUMAR- Posts : 84
Join date : 2012-06-07
भाग-5.....
जब प्रेम की नजर उन फोटोज पर पड़ी तो वह दंग रह गया।
प्रेम-अबे यह तो _______ है।
फिर वह विपक्षी कमांडर को पीटकर अपने काबू मेँ करता है और उससे पूछता है कि उसने किसकी फोटो जलाई है और क्युँ?
विपक्षी कमांडर-हा हा हा।ये मेरे मालकिन की फोटो है।
प्रेम-पर ये तो एक महीने से मेरे यहाँ पर है।
विपक्षी कमांडर-हाँ ये हमारे बॉस की बहन है,जिन्हेँ तुम्हारे मालिक ने मार डाला था और ये उसी का बदला लेने गई है।
प्रेम-पर मेरे रहते ऐसा नहीँ होगा।इससे मुझे भी अपना हिसाब पूरा करना है क्युँकि इसने मुझे भी बेवकूफ बनाया है।मैँ अभी जाकर इसकी पोल खोल दुँगा।
विपक्षी कमांडर- तेरी बात का कोई विश्वास नहीँ करेगा और ऐसा कोई सबुत भी नहीँ बचा जिससे कोई तेरा विश्वास करे।
प्रेम-गधे तू तो बचा ही हुआ है तु ही अब ये सारा राज खोलेगा मालिक के सामने।
विपक्षी कमांडर -मुर्दे बोला नहीँ करते।
और इसके साथ ही विपक्षी कमांडर ने अपने दाँतोँ के बीच दबे पौटेशियम सायनाइट के कैप्सुल को चबा लिया।
प्रेम वहाँ से सबुत खोजना चाहता था पर बम विस्फोट होने के कारण वह जगह आग से घिर गई थी और वहाँ का हिस्सा गिरकर टूटना भी शुरु हो गया था। प्रेम के साथ के बाकि आदमी भी वहाँ से निकल गए थे।
अपने अड्डे पर पहुँचकर वह सीधा अपने रुम मेँ पहुँचा और अपने हाथ-पैर पर बंधे बँदुक को खोलने लगा और बँदुक खोलते-2 सोचने लगा "आज तो बाल-2 बचा वरना आज शराबी के कारण अपने गैँग के सामने मेरी बेइज्जती हो गई होती।पर ये ट्रिक भी हर बार काम नहीँ आएगी,बैकअप प्लान सोच कर रखना पड़ेगा।आज तो हॉर्लिक्स का बहाना बना कर बच गया।" अब आगे की सोचा जाए कि क्या करना है? उसने मुझसे झूठ बोला। कहीँ वह मेरे साथ भी कोई गेम ना खेल रहीँ हो,पहले ये ही जान लिया जाए उसके बाद आगे का प्लान भी उसी के अनुसार बनाऊँगा।और एक बार मालिक से भी बात कर लिया जाए तो बेहतर रहेगा।
इसके बाद प्रेम मालिक के पास गया और उनसे बात-चीत किया 2-3 घंटे तक। और जब प्रेम बाहर निकला तो वह गंभीर था।
इसके बाद वह माया के पास गया और उससे कहा-मैँ मालिक को मारने के लिए तैयार हुँ पर मुझे कुछ वक्त चाहिए अभी मुझे मालिक के दिल मेँ अपने लिए जगह बनानी है।उनका विश्वास जीतना है।उसके बाद मैँ उन्हेँ किसी सुनसान जगह पर ले जाकर कत्ल कर दूँगा यहाँ पर मारने से हमारी ही मुसीबत बढ़ेगी।पर मालिक को मार देने के बाद तुम मुझे छोड़ तो नहीँ दोगी।
माया-नहीँ तुम दिखने मेँ जरुर बेवकूफ लगते हो पर कितने चालाक हो ये शायद बहुत ही कम लोगोँ को पता होगा।
प्रेम-तुम मेरी बड़ाई कर रही हो या बुराई समझ मेँ नहीँ आ रहा है।
माया-मैँ तुम्हारी बड़ाई कर रही हुँ मैँ अपने होने वाले पति की बुराई थोड़े ना करुँगी।
प्रेम-पति!
माया-हाँ।मैँने तुम्हेँ अपना पति मान लिया है। तुम्हारे जैसे चालाक इंसान से कौन लड़की शादी नहीँ करना चाहेँगी।
प्रेम सोचता है-"बेटा प्रेम तेरी तो निकल पड़ी पर ना अभी अपने इमोशन्स पर काबू रख।क्या पता इसके दिमाग मेँ क्या चल रहा है पहले ये पता कर ले उसके बाद ही कोई कदम उठाना।"
इसके बाद प्रेम वहाँ से वापस लौट रहा होता है रास्ते मेँ ही उसे पूजा पकड़ लेती है।
पूजा-तुम उधर कारागाह मेँ क्युँ गए थे?जब तुम पहली बार यहाँ पर आए थे तो उस कारागाह से ही पकड़े गए थे।बीच मेँ भी कई बार मैँने तुम्हेँ उस कारागाह की तरफ से आते हुए देखा है।कहीँ तुम मालिक को धोखा तो नहीँ दे रहे हो।
प्रेम-शायद तुम भूल रही हो कि मेरा एक शर्त यह भी था कि मैँ चाहे जो करुँ कोई मुझसे सवाल-जवाब नहीँ करेगा और यहाँ तो तुम मुझ पर शक ही कर रही हो।
पूजा-शक नहीँ मुझे पूरा यकीन है कि तुम मालिक के खिलाफ साजिश रच रहे हो क्युँकि मैँने उस लड़की और तुम्हारी कुछ बातेँ सुन ली थी मालिक को मारने और तुम्हारा उस लड़की से शादी करने का।अब भी तुम्हेँ कुछ कहना है।
प्रेम-कहने को बचा क्या है जो मैँ कहुँ।पर इतना तु भी जान ले कि तु मेरा कुछ बिगाड़ नहीँ पाएगी।
पूजा-मैँ मालिक को अभी जाकर ये बता देती हुँ और उसके बाद मालिक तेरा क्या हाल करेँगे तु नहीँ जानता।
प्रेम-अबे जा।मैँ मालिक से नहीँ डरता उसे तो मैँ दो मिनट मेँ अपने विश्वास मेँ ले लुँगा।
पूजा-इस बार नहीँ क्युँकि इस बार मालिक के साथ उनके बेवकूफ गुंडे नहीँ बल्कि मैँ होऊँगी।
प्रेम-तु कौन सा तोप है जो मैँ तुझसे डरुँ।प्रेम अपनी मर्जी का मालिक है कोई उससे जबरदस्ती काम नहीँ करवा सकता ।अब फुट ले यहाँ से।
पुजा-जा रही हुँ पर तू अपने बचने का इंतजाम कर।
प्रेम-अबे जा।
इसके बाद पूजा चली गई।अगले दिन सुबह प्रेम के पास एक गुंडा आया और कहा-मालिक ने आपको तुरंत बुलाया है,बहुत ही जरुरी बात के लिए।
प्रेम-ठीक है मैँ तुरंत ही आता हुँ।
कुछ देर बाद प्रेम मालिक के पास सोचते हुए जा रहा था कि आखिर मालिक ने उसे क्युँ बुलाया है आखिर क्या बात हो सकती है?लेकिन मालिक के साथ पूजा को देखकर सारी बात समझ जाता है।
प्रेम(मन ही मन)-तो इस चुड़ैल की नानी ने आखिर मालिक से कह ही दिया कल की बात।प्रेम अब अपने बचने का रास्ता खोज।
प्रेम-क्या बात है मालिक आपने मुझे इतनी सुबह-2 क्युँ बुलाया है?
मालिक-ये मैँ क्या सुन रहा हुँ?
प्रेम-क्या सुन रहे है?
मालिक-पहले पूरी बात सुन ले।मेरी बहन कह रही है कि तू मुझे मारने का प्लान का बना रहा है।
प्रेम(पूजा से)-हो गई तसल्ली। कह दिया मालिक से पर कह ही रही थी तो पहले पूरी बात कहती युँ आधी बात क्युँ कह रही है?
पूजा-आधी बात?
मालिक-आधी बात का मतलब?
प्रेम-मैँ आपको आधी बात का मतलब समझाता हुँ पर उससे पहले मैँ पूजा से कुछ सवालोँ के जवाब चाहता हुँ?
पूजा-मुझे नहीँ देना किसी सवाल का जवाब।
प्रेम-क्युँ अपनी पोल खुलने से डर लग रहा है?
पूजा-मुझे किसी बात का डर नहीँ है।
प्रेम-तो फिर जवाब दो।
पूजा(क्रोध मेँ)-पूछो क्या पूछना है?
क्रमशः
प्रेम-अबे यह तो _______ है।
फिर वह विपक्षी कमांडर को पीटकर अपने काबू मेँ करता है और उससे पूछता है कि उसने किसकी फोटो जलाई है और क्युँ?
विपक्षी कमांडर-हा हा हा।ये मेरे मालकिन की फोटो है।
प्रेम-पर ये तो एक महीने से मेरे यहाँ पर है।
विपक्षी कमांडर-हाँ ये हमारे बॉस की बहन है,जिन्हेँ तुम्हारे मालिक ने मार डाला था और ये उसी का बदला लेने गई है।
प्रेम-पर मेरे रहते ऐसा नहीँ होगा।इससे मुझे भी अपना हिसाब पूरा करना है क्युँकि इसने मुझे भी बेवकूफ बनाया है।मैँ अभी जाकर इसकी पोल खोल दुँगा।
विपक्षी कमांडर- तेरी बात का कोई विश्वास नहीँ करेगा और ऐसा कोई सबुत भी नहीँ बचा जिससे कोई तेरा विश्वास करे।
प्रेम-गधे तू तो बचा ही हुआ है तु ही अब ये सारा राज खोलेगा मालिक के सामने।
विपक्षी कमांडर -मुर्दे बोला नहीँ करते।
और इसके साथ ही विपक्षी कमांडर ने अपने दाँतोँ के बीच दबे पौटेशियम सायनाइट के कैप्सुल को चबा लिया।
प्रेम वहाँ से सबुत खोजना चाहता था पर बम विस्फोट होने के कारण वह जगह आग से घिर गई थी और वहाँ का हिस्सा गिरकर टूटना भी शुरु हो गया था। प्रेम के साथ के बाकि आदमी भी वहाँ से निकल गए थे।
अपने अड्डे पर पहुँचकर वह सीधा अपने रुम मेँ पहुँचा और अपने हाथ-पैर पर बंधे बँदुक को खोलने लगा और बँदुक खोलते-2 सोचने लगा "आज तो बाल-2 बचा वरना आज शराबी के कारण अपने गैँग के सामने मेरी बेइज्जती हो गई होती।पर ये ट्रिक भी हर बार काम नहीँ आएगी,बैकअप प्लान सोच कर रखना पड़ेगा।आज तो हॉर्लिक्स का बहाना बना कर बच गया।" अब आगे की सोचा जाए कि क्या करना है? उसने मुझसे झूठ बोला। कहीँ वह मेरे साथ भी कोई गेम ना खेल रहीँ हो,पहले ये ही जान लिया जाए उसके बाद आगे का प्लान भी उसी के अनुसार बनाऊँगा।और एक बार मालिक से भी बात कर लिया जाए तो बेहतर रहेगा।
इसके बाद प्रेम मालिक के पास गया और उनसे बात-चीत किया 2-3 घंटे तक। और जब प्रेम बाहर निकला तो वह गंभीर था।
इसके बाद वह माया के पास गया और उससे कहा-मैँ मालिक को मारने के लिए तैयार हुँ पर मुझे कुछ वक्त चाहिए अभी मुझे मालिक के दिल मेँ अपने लिए जगह बनानी है।उनका विश्वास जीतना है।उसके बाद मैँ उन्हेँ किसी सुनसान जगह पर ले जाकर कत्ल कर दूँगा यहाँ पर मारने से हमारी ही मुसीबत बढ़ेगी।पर मालिक को मार देने के बाद तुम मुझे छोड़ तो नहीँ दोगी।
माया-नहीँ तुम दिखने मेँ जरुर बेवकूफ लगते हो पर कितने चालाक हो ये शायद बहुत ही कम लोगोँ को पता होगा।
प्रेम-तुम मेरी बड़ाई कर रही हो या बुराई समझ मेँ नहीँ आ रहा है।
माया-मैँ तुम्हारी बड़ाई कर रही हुँ मैँ अपने होने वाले पति की बुराई थोड़े ना करुँगी।
प्रेम-पति!
माया-हाँ।मैँने तुम्हेँ अपना पति मान लिया है। तुम्हारे जैसे चालाक इंसान से कौन लड़की शादी नहीँ करना चाहेँगी।
प्रेम सोचता है-"बेटा प्रेम तेरी तो निकल पड़ी पर ना अभी अपने इमोशन्स पर काबू रख।क्या पता इसके दिमाग मेँ क्या चल रहा है पहले ये पता कर ले उसके बाद ही कोई कदम उठाना।"
इसके बाद प्रेम वहाँ से वापस लौट रहा होता है रास्ते मेँ ही उसे पूजा पकड़ लेती है।
पूजा-तुम उधर कारागाह मेँ क्युँ गए थे?जब तुम पहली बार यहाँ पर आए थे तो उस कारागाह से ही पकड़े गए थे।बीच मेँ भी कई बार मैँने तुम्हेँ उस कारागाह की तरफ से आते हुए देखा है।कहीँ तुम मालिक को धोखा तो नहीँ दे रहे हो।
प्रेम-शायद तुम भूल रही हो कि मेरा एक शर्त यह भी था कि मैँ चाहे जो करुँ कोई मुझसे सवाल-जवाब नहीँ करेगा और यहाँ तो तुम मुझ पर शक ही कर रही हो।
पूजा-शक नहीँ मुझे पूरा यकीन है कि तुम मालिक के खिलाफ साजिश रच रहे हो क्युँकि मैँने उस लड़की और तुम्हारी कुछ बातेँ सुन ली थी मालिक को मारने और तुम्हारा उस लड़की से शादी करने का।अब भी तुम्हेँ कुछ कहना है।
प्रेम-कहने को बचा क्या है जो मैँ कहुँ।पर इतना तु भी जान ले कि तु मेरा कुछ बिगाड़ नहीँ पाएगी।
पूजा-मैँ मालिक को अभी जाकर ये बता देती हुँ और उसके बाद मालिक तेरा क्या हाल करेँगे तु नहीँ जानता।
प्रेम-अबे जा।मैँ मालिक से नहीँ डरता उसे तो मैँ दो मिनट मेँ अपने विश्वास मेँ ले लुँगा।
पूजा-इस बार नहीँ क्युँकि इस बार मालिक के साथ उनके बेवकूफ गुंडे नहीँ बल्कि मैँ होऊँगी।
प्रेम-तु कौन सा तोप है जो मैँ तुझसे डरुँ।प्रेम अपनी मर्जी का मालिक है कोई उससे जबरदस्ती काम नहीँ करवा सकता ।अब फुट ले यहाँ से।
पुजा-जा रही हुँ पर तू अपने बचने का इंतजाम कर।
प्रेम-अबे जा।
इसके बाद पूजा चली गई।अगले दिन सुबह प्रेम के पास एक गुंडा आया और कहा-मालिक ने आपको तुरंत बुलाया है,बहुत ही जरुरी बात के लिए।
प्रेम-ठीक है मैँ तुरंत ही आता हुँ।
कुछ देर बाद प्रेम मालिक के पास सोचते हुए जा रहा था कि आखिर मालिक ने उसे क्युँ बुलाया है आखिर क्या बात हो सकती है?लेकिन मालिक के साथ पूजा को देखकर सारी बात समझ जाता है।
प्रेम(मन ही मन)-तो इस चुड़ैल की नानी ने आखिर मालिक से कह ही दिया कल की बात।प्रेम अब अपने बचने का रास्ता खोज।
प्रेम-क्या बात है मालिक आपने मुझे इतनी सुबह-2 क्युँ बुलाया है?
मालिक-ये मैँ क्या सुन रहा हुँ?
प्रेम-क्या सुन रहे है?
मालिक-पहले पूरी बात सुन ले।मेरी बहन कह रही है कि तू मुझे मारने का प्लान का बना रहा है।
प्रेम(पूजा से)-हो गई तसल्ली। कह दिया मालिक से पर कह ही रही थी तो पहले पूरी बात कहती युँ आधी बात क्युँ कह रही है?
पूजा-आधी बात?
मालिक-आधी बात का मतलब?
प्रेम-मैँ आपको आधी बात का मतलब समझाता हुँ पर उससे पहले मैँ पूजा से कुछ सवालोँ के जवाब चाहता हुँ?
पूजा-मुझे नहीँ देना किसी सवाल का जवाब।
प्रेम-क्युँ अपनी पोल खुलने से डर लग रहा है?
पूजा-मुझे किसी बात का डर नहीँ है।
प्रेम-तो फिर जवाब दो।
पूजा(क्रोध मेँ)-पूछो क्या पूछना है?
क्रमशः
AMAN KUMAR- Posts : 84
Join date : 2012-06-07
भाग-6.....
प्रेम-सिर्फ एक सवाल का जवाब चाहिए।
पूजा-पूछो?
प्रेम-तुमने एक बार मुझसे कहा था कि तुम मुझे पसंद हो।अब ये बात अपने भाई को सच-2 बताओ कि ये सच है या झूठ।
पूजा-सच है तो
प्रेम-तो अब कल की भी पूरी बात सुन लो।
पूजा-बको।
प्रेम-मालिक ये सच है कि मैँ कल उस लड़की माया के पास गया था पर इसने जो कुछ आपको बताया वह झूठ है।
मालिक-क्या मतलब?
प्रेम-जब मैँ उस लड़की के पास से वापस आ रहा था तो इसने मुझे पकड़ लिया और कहने लगी कि मेरे भाई को मारकर तुम इस गैँग के सरदार बन जाओ और हम दोनोँ खुशी-2 रहेँगे।मेरे मना करने पर ये कहने लगी कि अगर तू मेरी बात नहीँ मानेगा तो मैँ भाई से जाकर कह दुँगी कि तु उनका कत्ल करने वाला है।फिर भी मैँने मना कर दिया।अब भला मैँने जिसका नमक खाया है उससे नमकहरामी कैसे करता।मैँने इससे कह दिया कि जो करना है कर।
पूजा-ये झूठ बोल रहा है।
प्रेम- हाँ ये कल कह रही थी कि तू भाई के सामने जितना भी सच बोल, भाई मेरी बात ही सही मानेँगे।अब आप(मालिक) ही बताईये कौन सही है और कौन गलत?
पूजा(सोचती है)-ये तो मेरे अनुमान से भी ज्यादा चालाक है।
पूजा-ये बता तू उस लड़की के पास क्युँ गया था?
प्रेम(सोचता है)-ये चुड़ैल मुझे चैन नहीँ लेने देगी।जल्दी से कोई जवाब ढ़ूढ़ प्रेम वरना तू गया।
प्रेम-व व वो क्या है कि...
पूजा-बोलती बँद हो गई क्या?
प्रेम-बोलने तो दो।
पूजा-जल्दी बोलो।
प्रेम-बोल तो रहा हुँ चुप कहाँ था।पर ना मैँ नहीँ बोलने का वरना मालिक नाराज हो जाएँगे।
पूजा-ऐसी क्या बात है कहीँ तुम्हारी पोल ना खुल जाए इससे डर लग रहा है।
प्रेम-अजी डरे मेरे दुश्मन मेँ तो वहाँ इसलिए गया था ताकि मैँ उसे बहला-फुसलाकर उसके और भी गैँगो के जानकारी पा सकुँ।अब डरकर तो वह कुछ भी बताने से रही,और बताना भी रहता तो अब तक सब कुछ बता देती।अब मालिक ही बताएँगे कि मैँने जो किया वह सही था या गलत?
मालिक-तुमने सही किया।तुम पर शक करने के लिए मैँ अपनी और अपनी बहन की तरफ से माफी माँगता हुँ।
प्रेम-अगर ये(पूजा) मुझसे माफी माँगेगी तब ही मैँ इसे माफ करुँगा।
मालिक-माफी माँगेगी कैसे नहीँ मेरे इतने वफादार आदमी को सजा दिलवाना चाहती थी और मुझे मारने का प्लान बना रही थी।अगर इसने माफी नहीँ माँगी तो ये हमेशा के लिए यहाँ से चली जाये।
पूजा के पास कोई चारा नहीँ था आखिर उसे माफी माँगनी पड़ी।
प्रेम उसके नजदीक जाकर धीरे से कहता है-देख लिया मुझसे पँगे लेने का परिणाम।
पूजा-अभी तो तू जीत गया पर हर बार जीत नहीँ पाएगा इंतजार करना कि मैँ कब तेरी पोल खोलुँगा।
प्रेम-मुझे इंतजार रहेगा तेरी अगली हार का।
पूजा-बच्चु तूने मुझे अभी जाना नहीँ, जाना है तो माना नहीँ,माना है तो पहचाना नहीँ देख मैँ तेरे क्या हाल करुँगी।
प्रेम-अबे जा अभी तो मेरा बाल भी बाँका नहीँ कर पाई तू।
पूजा-अगर मैँने तेरी पोल ना खोली मालिक के सामने तो मेरा भी नाम पूजा नहीँ।
प्रेम-फिर तो तु अपना नया नाम सोच ही ले वैसे मेरे ख्याल से तेरा नया नाम नकचढ़ी या फूलनदेवी ज्यादा अच्छा रहेगा।
पूजा प्रेम के इस जवाब पर जल भुन जाती है और पैर पटकती हुई वहाँ से चली जाती है।
प्रेम(मालिक से)-मेरी गुस्ताखी के लिए मुझे माफ कर दीजिएगा।पर ऐसा करना भी मजबुरी था।
इसके बाद सब वापस अपने-2 काम मेँ लग जाते है।
प्रेम ने गुंडोँ की सुस्ती कम करने के लिए एक नियम बना दिया था।
नियम- सभी को 5 बजे तक उठ जाना है और रोज 5km दौड़ना है और जो भी लेट हुआ उसे दुगुना दौड़ना होगा+पूरे एक सप्ताह तक सभी रुम की सफाई,कपड़े धोना और झूठे बर्तन साफ करने होँगे।
इस नियम से सभी गुंडो की हालत खराब हो गई थी।दोनोँ पहरेदारोँ को भी प्रेम ने नहीँ छोड़ा था।अगर ठीक 10मिनट बाद पहरेदार आकर उसको सलाम नहीँ करते तो फिर अगले10मिनट तक उन्हेँ गेट पर मुर्गा बनकर बिताना पड़ता था।
इसी तरह एक महीना बीत गया।इस एक महीने मेँ प्रेम ने मालिक का विश्वास हासिल कर लिया था।मालिक उसकी किसी भी बात का विश्वास कर लेते थे यहाँ तक की उसके आगे वह और किसी की नहीँ सुनते थे।माया का एक ही रट था मालिक को मारो पहले।पूजा ने प्रेम को बेनकाब करने के कई तरीके अपनाए पर हर बार प्रेम के सामने उसकी एक ना चली।प्रेम ने पूरे गैँग की एक-एक हरकत पर नजर रखने के लिए कुछ गुडेँ निगरानी पर लगा दिए थे।
एक दिन प्रेम मालिक के पास गया और कहा कि माया मान गई है अपने बाकि अड्डे के बारे मेँ बताने के लिए।पर उसकी एक शर्त है कि वहाँ पर मेरे और आपके अलावा और कोई नहीँ जाएगा।आप तैयारी कर लीजिए साथ चलने की और वह भी जो मैँने कहा।पूजा ये सब सुन रही थी उसने कहा कि वह भी साथ चलेगी।
प्रेम सोचता है -ये चुड़ैल तो शुरु से अड़गा डाल रही है कमबख्त यहाँ भी बाज नहीँ आ रही किसी भी तरह इसे यहाँ से हटाना होगा।
प्रेम-पर माया ने कहा है कि वह सिर्फ मुझे और मालिक को साथ लेकर जाएगी अपने अड्डे पर।
पूजा-मुझे चिँता है कि मेरे भाई को कुछ ना हो जाए आखिर मेरा भाई दुश्मनोँ के अड्डे पर जा रहा है कहीँ उसे कुछ हो गया तो?
प्रेम-(चुड़ैल,चुड़ैल,चुड़ैल)मेरे रहते मालिक को कुछ नहीँ होगा।
पूजा-तुम हो तभी तो डर है कि मालिक को कोई नुकसान ना हो जाए अगर कोई और होता तो मुझे इतनी चिँता ना होती।
प्रेम-पर मेरे रहने से क्या परेशानी है मेरे रहते मालिक को कोई आफत छु नहीँ सकती।
पूजा-तुम तो खुद एक आफत हो तुमसे तो सबसे ज्यादा डर है मुझे।
मालिक-तु खामख्वाह चिँता कर रही है मेरी बहना प्रेम के रहते मुझे कुछ नहीँ होगा।
पूजा-पर दुश्मनोँ ने आपको देख लिया तो क्या होगा माया भी भाग जाएगी और 'भगवान न करे' उन सबने आपको मार डाला तो।
मालिक-ऐसा नहीँ होगा प्रेम उसके हाथ मेँ एक वॉच लगा देगा जिससे जानलेवा बिजली झटके भी निकलते है।इससे माया को हम काबू मेँ रखेँगे।
पूजा(प्रेम से)धीरे से-तो तुमने पूरा प्लान बना लिया है मालिक को मारने का पर तुम सफल नहीँ हो पाओगे।
प्रेम-मोहरतमा मुझे रोकने की कोशिश करना बेकार है।
क्रमश:
पूजा-पूछो?
प्रेम-तुमने एक बार मुझसे कहा था कि तुम मुझे पसंद हो।अब ये बात अपने भाई को सच-2 बताओ कि ये सच है या झूठ।
पूजा-सच है तो
प्रेम-तो अब कल की भी पूरी बात सुन लो।
पूजा-बको।
प्रेम-मालिक ये सच है कि मैँ कल उस लड़की माया के पास गया था पर इसने जो कुछ आपको बताया वह झूठ है।
मालिक-क्या मतलब?
प्रेम-जब मैँ उस लड़की के पास से वापस आ रहा था तो इसने मुझे पकड़ लिया और कहने लगी कि मेरे भाई को मारकर तुम इस गैँग के सरदार बन जाओ और हम दोनोँ खुशी-2 रहेँगे।मेरे मना करने पर ये कहने लगी कि अगर तू मेरी बात नहीँ मानेगा तो मैँ भाई से जाकर कह दुँगी कि तु उनका कत्ल करने वाला है।फिर भी मैँने मना कर दिया।अब भला मैँने जिसका नमक खाया है उससे नमकहरामी कैसे करता।मैँने इससे कह दिया कि जो करना है कर।
पूजा-ये झूठ बोल रहा है।
प्रेम- हाँ ये कल कह रही थी कि तू भाई के सामने जितना भी सच बोल, भाई मेरी बात ही सही मानेँगे।अब आप(मालिक) ही बताईये कौन सही है और कौन गलत?
पूजा(सोचती है)-ये तो मेरे अनुमान से भी ज्यादा चालाक है।
पूजा-ये बता तू उस लड़की के पास क्युँ गया था?
प्रेम(सोचता है)-ये चुड़ैल मुझे चैन नहीँ लेने देगी।जल्दी से कोई जवाब ढ़ूढ़ प्रेम वरना तू गया।
प्रेम-व व वो क्या है कि...
पूजा-बोलती बँद हो गई क्या?
प्रेम-बोलने तो दो।
पूजा-जल्दी बोलो।
प्रेम-बोल तो रहा हुँ चुप कहाँ था।पर ना मैँ नहीँ बोलने का वरना मालिक नाराज हो जाएँगे।
पूजा-ऐसी क्या बात है कहीँ तुम्हारी पोल ना खुल जाए इससे डर लग रहा है।
प्रेम-अजी डरे मेरे दुश्मन मेँ तो वहाँ इसलिए गया था ताकि मैँ उसे बहला-फुसलाकर उसके और भी गैँगो के जानकारी पा सकुँ।अब डरकर तो वह कुछ भी बताने से रही,और बताना भी रहता तो अब तक सब कुछ बता देती।अब मालिक ही बताएँगे कि मैँने जो किया वह सही था या गलत?
मालिक-तुमने सही किया।तुम पर शक करने के लिए मैँ अपनी और अपनी बहन की तरफ से माफी माँगता हुँ।
प्रेम-अगर ये(पूजा) मुझसे माफी माँगेगी तब ही मैँ इसे माफ करुँगा।
मालिक-माफी माँगेगी कैसे नहीँ मेरे इतने वफादार आदमी को सजा दिलवाना चाहती थी और मुझे मारने का प्लान बना रही थी।अगर इसने माफी नहीँ माँगी तो ये हमेशा के लिए यहाँ से चली जाये।
पूजा के पास कोई चारा नहीँ था आखिर उसे माफी माँगनी पड़ी।
प्रेम उसके नजदीक जाकर धीरे से कहता है-देख लिया मुझसे पँगे लेने का परिणाम।
पूजा-अभी तो तू जीत गया पर हर बार जीत नहीँ पाएगा इंतजार करना कि मैँ कब तेरी पोल खोलुँगा।
प्रेम-मुझे इंतजार रहेगा तेरी अगली हार का।
पूजा-बच्चु तूने मुझे अभी जाना नहीँ, जाना है तो माना नहीँ,माना है तो पहचाना नहीँ देख मैँ तेरे क्या हाल करुँगी।
प्रेम-अबे जा अभी तो मेरा बाल भी बाँका नहीँ कर पाई तू।
पूजा-अगर मैँने तेरी पोल ना खोली मालिक के सामने तो मेरा भी नाम पूजा नहीँ।
प्रेम-फिर तो तु अपना नया नाम सोच ही ले वैसे मेरे ख्याल से तेरा नया नाम नकचढ़ी या फूलनदेवी ज्यादा अच्छा रहेगा।
पूजा प्रेम के इस जवाब पर जल भुन जाती है और पैर पटकती हुई वहाँ से चली जाती है।
प्रेम(मालिक से)-मेरी गुस्ताखी के लिए मुझे माफ कर दीजिएगा।पर ऐसा करना भी मजबुरी था।
इसके बाद सब वापस अपने-2 काम मेँ लग जाते है।
प्रेम ने गुंडोँ की सुस्ती कम करने के लिए एक नियम बना दिया था।
नियम- सभी को 5 बजे तक उठ जाना है और रोज 5km दौड़ना है और जो भी लेट हुआ उसे दुगुना दौड़ना होगा+पूरे एक सप्ताह तक सभी रुम की सफाई,कपड़े धोना और झूठे बर्तन साफ करने होँगे।
इस नियम से सभी गुंडो की हालत खराब हो गई थी।दोनोँ पहरेदारोँ को भी प्रेम ने नहीँ छोड़ा था।अगर ठीक 10मिनट बाद पहरेदार आकर उसको सलाम नहीँ करते तो फिर अगले10मिनट तक उन्हेँ गेट पर मुर्गा बनकर बिताना पड़ता था।
इसी तरह एक महीना बीत गया।इस एक महीने मेँ प्रेम ने मालिक का विश्वास हासिल कर लिया था।मालिक उसकी किसी भी बात का विश्वास कर लेते थे यहाँ तक की उसके आगे वह और किसी की नहीँ सुनते थे।माया का एक ही रट था मालिक को मारो पहले।पूजा ने प्रेम को बेनकाब करने के कई तरीके अपनाए पर हर बार प्रेम के सामने उसकी एक ना चली।प्रेम ने पूरे गैँग की एक-एक हरकत पर नजर रखने के लिए कुछ गुडेँ निगरानी पर लगा दिए थे।
एक दिन प्रेम मालिक के पास गया और कहा कि माया मान गई है अपने बाकि अड्डे के बारे मेँ बताने के लिए।पर उसकी एक शर्त है कि वहाँ पर मेरे और आपके अलावा और कोई नहीँ जाएगा।आप तैयारी कर लीजिए साथ चलने की और वह भी जो मैँने कहा।पूजा ये सब सुन रही थी उसने कहा कि वह भी साथ चलेगी।
प्रेम सोचता है -ये चुड़ैल तो शुरु से अड़गा डाल रही है कमबख्त यहाँ भी बाज नहीँ आ रही किसी भी तरह इसे यहाँ से हटाना होगा।
प्रेम-पर माया ने कहा है कि वह सिर्फ मुझे और मालिक को साथ लेकर जाएगी अपने अड्डे पर।
पूजा-मुझे चिँता है कि मेरे भाई को कुछ ना हो जाए आखिर मेरा भाई दुश्मनोँ के अड्डे पर जा रहा है कहीँ उसे कुछ हो गया तो?
प्रेम-(चुड़ैल,चुड़ैल,चुड़ैल)मेरे रहते मालिक को कुछ नहीँ होगा।
पूजा-तुम हो तभी तो डर है कि मालिक को कोई नुकसान ना हो जाए अगर कोई और होता तो मुझे इतनी चिँता ना होती।
प्रेम-पर मेरे रहने से क्या परेशानी है मेरे रहते मालिक को कोई आफत छु नहीँ सकती।
पूजा-तुम तो खुद एक आफत हो तुमसे तो सबसे ज्यादा डर है मुझे।
मालिक-तु खामख्वाह चिँता कर रही है मेरी बहना प्रेम के रहते मुझे कुछ नहीँ होगा।
पूजा-पर दुश्मनोँ ने आपको देख लिया तो क्या होगा माया भी भाग जाएगी और 'भगवान न करे' उन सबने आपको मार डाला तो।
मालिक-ऐसा नहीँ होगा प्रेम उसके हाथ मेँ एक वॉच लगा देगा जिससे जानलेवा बिजली झटके भी निकलते है।इससे माया को हम काबू मेँ रखेँगे।
पूजा(प्रेम से)धीरे से-तो तुमने पूरा प्लान बना लिया है मालिक को मारने का पर तुम सफल नहीँ हो पाओगे।
प्रेम-मोहरतमा मुझे रोकने की कोशिश करना बेकार है।
क्रमश:
AMAN KUMAR- Posts : 84
Join date : 2012-06-07
भाग-7.....
प्रेम-क्युँ बार-2 हारने के बावजूद पँगे लेती है तु। सोचती है कि तु मुझे रोक लेगी। पर प्रेम एक-एक चाल सोच समझ कर चलता है और इसी दिमाग की देन है कि कोई मुझे आजतक मात नहीँ दे पाया और सबको मुझसे जलन हो गई।तु भले ही कितनी भी चालाक हो पर मालिक को मरने से रोक नहीँ सकती।जितना सोचना है सोच ले।
पूजा-दिमाग तो मैँ ऐसा लगाऊँगी कि तू भी देखता रह जाएगा?
प्रेम-अच्छा जी मैँ तो कब से देख रहा हुँ आपको हारते हुए।अभी और भी हारते हुए देखता रहुँगा।
पूजा-ये आखिरी था अब से तू हारेगा और मैँ जीतूँगी।
(ये बातेँ बहुत धीमी आवाज मेँ हो रही थी जिसे मालिक सुन नहीँ पाया)
प्रेम(मालिक से)-मालिक आप अपनी बहना जी से कह दीजिए कि ये अगर साथ गई तो फिर माया हमेँ अपने गैँग का अड्डा नहीँ दिखाएगी।
पूजा-अड्डा देखना जरुरी है क्या भाई प्रेम ने जब माया को विश्वास मेँ ले ही लिया है तो वह उससे अड्डे का पता भी पूछ सकता है और फिर हम पूरी तैयारी के साथ उनपर हमला कर सकते है।
प्रेम की तरफ देखकर-ऐसा हो सकता है ना।
प्रेम चुप हो जाता है।
मालिक-अरे हाँ ऐसा हो सकता है प्रेम जाओ और उससे अड्डे की जानकारी ले आओ।
प्रेम चुपचाप चला जाता है।
प्रेम-अगर ये चुड़ैल न बोलती तो मेरा प्लान सफल हो जाता खैर ये शेर है तो मैँ सवाशेर।अभी भी सबकुछ मेरे प्लान के मुताबिक ही जा रहा है बस उसे कामयाब होने मेँ कुछ समय लगेगा।
प्रेम माया से जाकर कहता है कि तैयारी कर लो आज मालिक को हम मार डालेँगे फिर तुम मुझ से शादी कर सकती हो।:-)
माया-पर मैँ यहाँ से बाहर कैसे निकलुँगी?
प्रेम-मैँने सब इंतजाम कर दिया है।तुम सिर्फ वही करना जो मैँ तुम्हेँ कहुँ।
माया-ओ.के।
इसके बाद प्रेम वापस जाकर मालिक से कहता है कि माया का कहना है कि उसे भूलने की बिमारी है कई बार वह अपने अड्डे का रास्ता भूल चुकी है।इसीलिए वह साथ चलने को कह रही है।सोचिए मालिक उस भुलक्कड़ लड़की की बात मेँ आकर अगर हम सभी गैँग को साथ लेकर चले और वह गलत अड्डा हुआ तो समय और पैसे की कितनी बर्बादी होगी।
पूजा सोचती है-(कमबख्त ने फिर एक नया बहाना सोच लिया)
पूजा-पर इसका क्या भरोसा कि वह सही जगह पर पहुँचा देगी न जाने कितना समय बर्बाद होगा और मालिक वक्त के पाबंद है।
प्रेम(गुस्से मेँ पूजा की तरफ देखते हुए)-जी दुश्मनोँ के अड्डे की जानकारी के लिए मालिक अपने कई कीमती वक्त भी निकाल सकते है और ये तो सब से खतरनाक गैँग है जो सदा हमेँ टक्कर देता आया है इसकी खोज बीन के लिए मालिक के पास वक्त ही वक्त है।क्युँ मालिक है ना वक्त(मालिक की तरफ देखते हुए)
मालिक- हाँ,हाँ बिल्कुल वक्त है।
प्रेम(पूजा से)-मोहरतमा जी अगर अभी भी आपको कोई परेशानी है तो यह समझ लीजिएगा की मालिक आज छुट्टी पर है।आज वह कोई काम नहीँ करेँगे।उन्हेँ भी घूमने-फिरने का मन करता ही होगा।(फिर धीमी आवाज मेँ) मैँ चाहता तो तेरी बात का जवाब उस समय भी दे सकता था पर मैँ चुप रहा ताकि मालिक को कोई शक ना हो और एक बात और सुन ले मैँने माया से उसके अड्डे के बारे मेँ पूछा तक नहीँ मैँने तो माया को जाकर सिर्फ इतना कहा कि जैसा मैँ कहता हुँ वैसा तुम करती जाओ।अब मेरा तुझको खुला चैलेँज है कि तू मालिक को मरने से बचा सकती है तो बचा ले।
पूजा-तु जिस जीत की कामना कर रहा है तुझे नहीँ पता कि तु अपना कितना नुकसान करेगा।
प्रेम-जी पता है जी कि मैँ अपना कितना फायदा करुँगा।मालिक को मार कर मैँ माया की नजर मेँ हीरो बन जाऊँगा फिर उससे शादी कर उसके गैँग का सरदार बन जाऊँगा कमांडर से कहीँ ज्यादा ऊँची पोस्ट पर रहुँगा।
पूजा-पर उसने अगर तुम्हेँ धोखा दिया तो?
प्रेम-ओ कोई गल्ल नहीँ जी बँदा फिर भी फायदे मेँ रहेगा मैँ उस धोखेबाज को मार कर यहाँ सबको अपनी बेगुनाही का सुबूत दे दूँगा और फिर मुझे यहाँ का सरदार बना दिया जाएगा।तुस्सी भी न रोक पाओगी खैर बातेँ बहुत हो गई अब आते है काम पर बहुत समय नष्ट हो गया।
मालिक से-मालिक आप तैयार हो गए तो चला जाए और जो-जो सामान मैँने आपको लेकर चलने को कहा था वह आपने ले लिया ना।
मालिक-बिल्कुल, घबराओ मत तुम्हारा प्लान जरुर सफल होगा।
पूजा की तरफ देखते हुए प्रेम-जी जरुर सफल होगा आखिर मेरा बनाया प्लान है अगर फेल भी हो गया तो सफल बना लुँगा। पूजा तो जानती ही है मेरा प्लान।
इसके बाद प्रेम और मालिक माया के साथ उसके अड्डे को खोजने निकल पड़ते है जिसे अगर माया बताती तो।
प्रेम और माया का प्लान था कि मालिक को बातोँ मेँ उलझाकर उसे किसी सुनसान एरिये मेँ ले जाकर काम तमाम कर देँ।
पर इधर पूजा भी छुप छुपकर उनका पीछा कर रही थी।शायद उसका इरादा किसी भी कीमत पर प्रेम के प्लान को फेल करना था।
इधर प्रेम और माया पहले मालिक को थका देना चाहते थे फिर आराम से ऊपर भेजना चाहते थे।
इसीलिए जब भी मालिक कहते कि आराम कर लिया जाए माया कहती कि उसे अपने अड्डे का पता चल गया है।ऐसा करते-2 10घंटे से ज्यादा हो गए थे और मालिक का भूख-प्यास के मारे बुरा हाल हो गया था।
फिर एक जगह सुनसान एरिये मेँ पहुँचकर जहाँ इक्का दुक्का गाड़ी ही कभी-कभार चलती थी और आस-पास जंगल था वहाँ पहुँचकर माया ने कहा कि याद आया मेरा अड्डा इन्हीँ जँगलोँ मेँ कहीँ है।पर वहाँ गाड़ी चलाने की कोई जगह ना थी मजबुरन तीनोँ को पैदल ही जाना पड़ा जंगल के अंदर।इधर पूजा जो उनका पिछा कर रही थी काफी देर से वह भी जंगलोँ मेँ चली आई।
इधर एक जगह पहुँचकर प्रेम ने अचानक मालिक के हथियार छीन लिए और उसपर रिवॉल्वर तान दिया।
मालिक-य...ये क..क्या कर रहे हो मुझपर र..रिवॉल्वर क्युँ तान दी?
प्रेम-आपको मारने के लिए।
मालिक-क्या?इसका मतलब पूजा सही कहती थी कि तू मुझे मारना चाहता है मैँ ही बेवकूफ था जो उसकी बात पर यकीन नहीँ करता था।
प्रेम-मैँने तो पहले ही कहा था कि तू और तेरा गैँग बेवकूफ है और यह कहकर प्रेम ने मालिक के सीने पर गोली चला दी।
इससे पहले की प्रेम दूसरी गोली चलाता पूजा वहाँ पहुँच गई।
क्रमश:
पूजा-दिमाग तो मैँ ऐसा लगाऊँगी कि तू भी देखता रह जाएगा?
प्रेम-अच्छा जी मैँ तो कब से देख रहा हुँ आपको हारते हुए।अभी और भी हारते हुए देखता रहुँगा।
पूजा-ये आखिरी था अब से तू हारेगा और मैँ जीतूँगी।
(ये बातेँ बहुत धीमी आवाज मेँ हो रही थी जिसे मालिक सुन नहीँ पाया)
प्रेम(मालिक से)-मालिक आप अपनी बहना जी से कह दीजिए कि ये अगर साथ गई तो फिर माया हमेँ अपने गैँग का अड्डा नहीँ दिखाएगी।
पूजा-अड्डा देखना जरुरी है क्या भाई प्रेम ने जब माया को विश्वास मेँ ले ही लिया है तो वह उससे अड्डे का पता भी पूछ सकता है और फिर हम पूरी तैयारी के साथ उनपर हमला कर सकते है।
प्रेम की तरफ देखकर-ऐसा हो सकता है ना।
प्रेम चुप हो जाता है।
मालिक-अरे हाँ ऐसा हो सकता है प्रेम जाओ और उससे अड्डे की जानकारी ले आओ।
प्रेम चुपचाप चला जाता है।
प्रेम-अगर ये चुड़ैल न बोलती तो मेरा प्लान सफल हो जाता खैर ये शेर है तो मैँ सवाशेर।अभी भी सबकुछ मेरे प्लान के मुताबिक ही जा रहा है बस उसे कामयाब होने मेँ कुछ समय लगेगा।
प्रेम माया से जाकर कहता है कि तैयारी कर लो आज मालिक को हम मार डालेँगे फिर तुम मुझ से शादी कर सकती हो।:-)
माया-पर मैँ यहाँ से बाहर कैसे निकलुँगी?
प्रेम-मैँने सब इंतजाम कर दिया है।तुम सिर्फ वही करना जो मैँ तुम्हेँ कहुँ।
माया-ओ.के।
इसके बाद प्रेम वापस जाकर मालिक से कहता है कि माया का कहना है कि उसे भूलने की बिमारी है कई बार वह अपने अड्डे का रास्ता भूल चुकी है।इसीलिए वह साथ चलने को कह रही है।सोचिए मालिक उस भुलक्कड़ लड़की की बात मेँ आकर अगर हम सभी गैँग को साथ लेकर चले और वह गलत अड्डा हुआ तो समय और पैसे की कितनी बर्बादी होगी।
पूजा सोचती है-(कमबख्त ने फिर एक नया बहाना सोच लिया)
पूजा-पर इसका क्या भरोसा कि वह सही जगह पर पहुँचा देगी न जाने कितना समय बर्बाद होगा और मालिक वक्त के पाबंद है।
प्रेम(गुस्से मेँ पूजा की तरफ देखते हुए)-जी दुश्मनोँ के अड्डे की जानकारी के लिए मालिक अपने कई कीमती वक्त भी निकाल सकते है और ये तो सब से खतरनाक गैँग है जो सदा हमेँ टक्कर देता आया है इसकी खोज बीन के लिए मालिक के पास वक्त ही वक्त है।क्युँ मालिक है ना वक्त(मालिक की तरफ देखते हुए)
मालिक- हाँ,हाँ बिल्कुल वक्त है।
प्रेम(पूजा से)-मोहरतमा जी अगर अभी भी आपको कोई परेशानी है तो यह समझ लीजिएगा की मालिक आज छुट्टी पर है।आज वह कोई काम नहीँ करेँगे।उन्हेँ भी घूमने-फिरने का मन करता ही होगा।(फिर धीमी आवाज मेँ) मैँ चाहता तो तेरी बात का जवाब उस समय भी दे सकता था पर मैँ चुप रहा ताकि मालिक को कोई शक ना हो और एक बात और सुन ले मैँने माया से उसके अड्डे के बारे मेँ पूछा तक नहीँ मैँने तो माया को जाकर सिर्फ इतना कहा कि जैसा मैँ कहता हुँ वैसा तुम करती जाओ।अब मेरा तुझको खुला चैलेँज है कि तू मालिक को मरने से बचा सकती है तो बचा ले।
पूजा-तु जिस जीत की कामना कर रहा है तुझे नहीँ पता कि तु अपना कितना नुकसान करेगा।
प्रेम-जी पता है जी कि मैँ अपना कितना फायदा करुँगा।मालिक को मार कर मैँ माया की नजर मेँ हीरो बन जाऊँगा फिर उससे शादी कर उसके गैँग का सरदार बन जाऊँगा कमांडर से कहीँ ज्यादा ऊँची पोस्ट पर रहुँगा।
पूजा-पर उसने अगर तुम्हेँ धोखा दिया तो?
प्रेम-ओ कोई गल्ल नहीँ जी बँदा फिर भी फायदे मेँ रहेगा मैँ उस धोखेबाज को मार कर यहाँ सबको अपनी बेगुनाही का सुबूत दे दूँगा और फिर मुझे यहाँ का सरदार बना दिया जाएगा।तुस्सी भी न रोक पाओगी खैर बातेँ बहुत हो गई अब आते है काम पर बहुत समय नष्ट हो गया।
मालिक से-मालिक आप तैयार हो गए तो चला जाए और जो-जो सामान मैँने आपको लेकर चलने को कहा था वह आपने ले लिया ना।
मालिक-बिल्कुल, घबराओ मत तुम्हारा प्लान जरुर सफल होगा।
पूजा की तरफ देखते हुए प्रेम-जी जरुर सफल होगा आखिर मेरा बनाया प्लान है अगर फेल भी हो गया तो सफल बना लुँगा। पूजा तो जानती ही है मेरा प्लान।
इसके बाद प्रेम और मालिक माया के साथ उसके अड्डे को खोजने निकल पड़ते है जिसे अगर माया बताती तो।
प्रेम और माया का प्लान था कि मालिक को बातोँ मेँ उलझाकर उसे किसी सुनसान एरिये मेँ ले जाकर काम तमाम कर देँ।
पर इधर पूजा भी छुप छुपकर उनका पीछा कर रही थी।शायद उसका इरादा किसी भी कीमत पर प्रेम के प्लान को फेल करना था।
इधर प्रेम और माया पहले मालिक को थका देना चाहते थे फिर आराम से ऊपर भेजना चाहते थे।
इसीलिए जब भी मालिक कहते कि आराम कर लिया जाए माया कहती कि उसे अपने अड्डे का पता चल गया है।ऐसा करते-2 10घंटे से ज्यादा हो गए थे और मालिक का भूख-प्यास के मारे बुरा हाल हो गया था।
फिर एक जगह सुनसान एरिये मेँ पहुँचकर जहाँ इक्का दुक्का गाड़ी ही कभी-कभार चलती थी और आस-पास जंगल था वहाँ पहुँचकर माया ने कहा कि याद आया मेरा अड्डा इन्हीँ जँगलोँ मेँ कहीँ है।पर वहाँ गाड़ी चलाने की कोई जगह ना थी मजबुरन तीनोँ को पैदल ही जाना पड़ा जंगल के अंदर।इधर पूजा जो उनका पिछा कर रही थी काफी देर से वह भी जंगलोँ मेँ चली आई।
इधर एक जगह पहुँचकर प्रेम ने अचानक मालिक के हथियार छीन लिए और उसपर रिवॉल्वर तान दिया।
मालिक-य...ये क..क्या कर रहे हो मुझपर र..रिवॉल्वर क्युँ तान दी?
प्रेम-आपको मारने के लिए।
मालिक-क्या?इसका मतलब पूजा सही कहती थी कि तू मुझे मारना चाहता है मैँ ही बेवकूफ था जो उसकी बात पर यकीन नहीँ करता था।
प्रेम-मैँने तो पहले ही कहा था कि तू और तेरा गैँग बेवकूफ है और यह कहकर प्रेम ने मालिक के सीने पर गोली चला दी।
इससे पहले की प्रेम दूसरी गोली चलाता पूजा वहाँ पहुँच गई।
क्रमश:
AMAN KUMAR- Posts : 84
Join date : 2012-06-07
भाग-8.....
पूजा ये देखकर प्रेम पर रिवॉल्वर तान देती है और कहती है-
पूजा-अपना रिवॉल्वर मुझे दे दे।वरना तेरा भेजा उड़ जाएगा।
माया पूजा को वहाँ देखकर घबरा जाती है पर प्रेम बिल्कुल नॉर्मल था।उसने चुपचाप रिवॉल्वर पूजा को दे दिया जिसे पूजा ने एक रुमाल के सहारे पकड़ा और दो गोलियाँ चला दी। जो सीधे जाकर मालिक के सीने पर लगी।प्रेम और माया ये देखकर हैरान हो जाते है और उधर मालिक भी हैरानी के भाव लिए ऊपर पहुँच जाता है।
प्रेम-अरी चुड़ैल ये क्या किया मालिक को तूने खुद ही क्युँ मार डाला?
पूजा-तुम्हारा काम मैँने आसान कर दिया और अब तुम दोनो भी मरोगे।
प्रेम-एक मिनट लेकिन तुमने मालिक को क्युँ मार डाला।
पूजा-बॉस बनने के लिए। पहले मुझे हर काम के लिए मालिक से इजाजत लेनी पड़ती थी। लेकिन अब नहीँ,अब मझे रोकने-टोकने वाला कोई नहीँ बचा।यहाँ पर मैँ तुम दोनो को मार डालुँगी उधर अपने गैँग से जाकर कहुँगी कि तुमदोनोँ से मालिक को मार डाला था फिर मैँने तुमलोगो को मार डाला।
प्रेम-पर,पर क्या कोई बहन अपने भाई को भी मार सकती है क्या? कैसी बहन हो तुम जो अपने भाई को मारने मेँ थोड़ा सा भी नहीँ हिचकी।
पूजा-तुमसे किसने कहा कि मैँ मालिक की बहन हुँ?
प्रेम-तो?
पूजा-मेरी और माया की जगह बदल लो सब समझ जाओगे।
प्रेम-जगह बदल लो मतलब।
पूजा-लो मैँ तुम्हेँ चालाक समझती हुँ और तुम बेवकूफोँ जैसी बातेँ करने लगे। जगह बदलने का मतलब है कि माया मालिक की बहन है और मैँ मालिक की दुश्मन,मालिक ने मेरे भाई को मारा था और मैँ उसे मारने का रास्ता ढ़ूंढ़ रही थी।जब तुम पहली बार मालिक के अड्डे पर आए थे और मालिक को भी अपने बातोँ के जाल मेँ फँसा लिया तो मुझे लगा कि तुम मालिक को मार सकते हो। मैँने तुम्हेँ किसी भी तरह गैँग मेँ भर्ती किया ताकि तुम्हेँ अपने जाल मेँ फँसाकर मालिक को मरवा सकूँ।पर तुम मेरे बिछाए जाल मेँ पहले से ही आ गए थे।माया के जरिए अब तो तुम्हेँ बस उकसाना था मालिक को मारने के लिए और उसके लिए मैँने पहले ही अपने गैँग मेँ अपनी जगह माया की फोटो लगवा दी थी और मैँ ऐसा व्यवहार कर रही थी मानोँ मैँ मालिक की सच्ची हमदर्द हुँ और तुम्हेँ मालिक को मारने से रोकना चाहती हुँ।
प्रेम-पर तुमने अपनी और माया की जगह कैसे बदल ली और किसी को कोई शक क्युँ नहीँ हुआ?
पूजा-अबे मरने से पहले सारे जवाब जानना जरुरी है क्या चुपचाप नहीँ मर सकता क्या?
प्रेम-चुपचाप मर गया तो मेरी आत्मा भटकती रह जाएगी और अगर मैँ भूत बन गया तो सबसे पहले तुझे ही मारुँगा ना मारुँगा नहीँ तेरे ऊपर चढ़ जाऊँगा और तुझे जीवनभर सताता रहुँगा अब बोल क्या तू चाहती है कि मेरी आत्मा जीवनभर तुझे सताए।
पूजा-मैँ भूत-वूत पर यकीन नहीँ करती।
प्रेम-मत कर जब पँगे पड़ेगा तब पता चल जाएगा।
पूजा सोचती है(क्या पता ये सच कह रहा हो रिस्क क्युँ लिया जाए वैसे भी बताने मेँ कोई नुकसान नहीँ है कुछ ही देर मेँ दोनोँ परलोक सिधार जाएँगे।)
पूजा-सुन मुझे अपने गुप्तचरोँ से पता चला था कि मालिक की बहन अपनी पढ़ाई पूरी करके वापस आ रही है मैँने सोचा कि इसको किडनैप करके इसकी जान के बदले मालिक की जान का सौदा करुँगी।पर इसे किडनैप करने पर मुझे एक अच्छी खबर मिली कि इसने अपने भाई को सिर्फ बचपन मेँ देखा था और सिर्फ उसका नाम ही इसे याद है। तब मेरे दिमाग मेँ एक आइडिया आया कि अगर मैँ इसकी जगह ले लुँ तो मेरा दोनोँ जगहोँ पर कब्जा हो जाएगा।फिर मैँने इसे झूठी कहानी कह सुनाई कि इसके भाई को मालिक ने मार डाला है और उसके नाम रखकर डॉन बन गया है।तब इसने मालिक को मारने की सोच ली जो कि मैँ चाहती थी।
प्रेम-प्लान तो बढ़िया है पर मालिक और माया ने तुझे क्युँ नहीँ पहचाना?
पूजा-क्युँकि मैँने अपने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था और ये कहकर वह अपना मास्क उतार देती है।
माया-इतना बड़ा गेम तुमने मुझे ही मेरे भाई के खिलाफ भड़का दिया और मेरा भाई एक डॉन है।(और यह कहकर माया रोने लगी पर प्रेम चुपचाप था)
पूजा-अब तुम दोनोँ के मरने का वक्त आ गया है।ये भी एक इतफाक ही है कि ये जँगल ही मेरा मुख्य अड्डा है और मेरे सबसे बड़े किलर की जो तूने हालत की थी उसका बदला वह आज तुझसे लेगा।
प्रेम-क्या?अच्छा तो वह शराबी उसकी जो गत मैँने बनाई थी उसके बाद भी वह मुझसे लड़ने को तैयार होगा।
पूजा-लो वह आ गया उसी से पूछ लो।
प्रेम ने शराबी को आते देख लिया और चारोँ तरफ से अपने आप को घिरा हुआ पाया।
शराबी प्रेम को देखते ही-म..मुझे इससे लड़ना है।
प्रेम-हाँ बेटे तुझे मुझसे लड़ना है पिछली लड़ाई याद है ना।
शराबी (पूजा से)-मालकिन मैँ इससे नहीँ लड़ने का।ये पता नहीँ कौन सा प्रेम स्टाइल जानता है जिससे वार करने वाले को ही चोट लगती है।
प्रेम-देख लिया।
पूजा(शराबी से)-अबे चुप कोई स्टाइल-वस्टाइल नहीँ था वह। इसने अपने कपड़ो के नीचे बँदूके बांधी थी जिसपर वार करने से तुझे ही चोट लग रही थी।
शराबी-क्या? मैँ इसे अब नहीँ छोड़ने का।इसकी एक-एक हड्डी अब किर्तन करेगी।
प्रेम-बुहुहु तुझे कैसे पता चला ये राज?
पूजा-मैँ तेरी एक-एक गतिविधि पर नजर रख रही थी।
और बेचारे प्रेम को मजबुरन वह लड़ाई लड़नी ही थी।पर प्रेम लड़ाई करते-2 क्या सोच रहा था।
प्रेम-(किसी भी तरह इसे आधे घंटे रोक सकुँ तो मेरा काम हो जाएगा।)
शराबी-अब देखा प्रेम स्टाइल ले मैँने तुझे मारा अब दर्द मुझे नहीँ तुझे होगा।
इस अचानक हुए हमले से प्रेम दो-तीन फीट दूर जा गिरा पर जल्दी ही सँभल गया।
प्रेम-क्युँ बच्चे की जान के पीछे पड़ा है देख मैँ तुझे एक लाख दूँगा मेरी साइड मेँ आजा और इस चुड़ैल पूजा को ही मार डाल।
शराबी-थू इतने पैसे मेँ मैँ एक मक्खी को ना मारुँ मालकिन पर हाथ उठाना तो दूर की बात है।
प्रेम-अबे तो कितना लेकर इस पूजा का काम तमाम करने को राजी होगा तु जितना बोलेगा उतना मैँ देने को तैयार हुँ।
शराबी-तू कितना भी दे मुझे मँजुर नहीँ आज तो तेरी अर्थी ही यहाँ से जाएगी और तुझे अर्थी पर मैँ पहुँचाऊगा दम है तो बच ले।
क्रमश:
पूजा-अपना रिवॉल्वर मुझे दे दे।वरना तेरा भेजा उड़ जाएगा।
माया पूजा को वहाँ देखकर घबरा जाती है पर प्रेम बिल्कुल नॉर्मल था।उसने चुपचाप रिवॉल्वर पूजा को दे दिया जिसे पूजा ने एक रुमाल के सहारे पकड़ा और दो गोलियाँ चला दी। जो सीधे जाकर मालिक के सीने पर लगी।प्रेम और माया ये देखकर हैरान हो जाते है और उधर मालिक भी हैरानी के भाव लिए ऊपर पहुँच जाता है।
प्रेम-अरी चुड़ैल ये क्या किया मालिक को तूने खुद ही क्युँ मार डाला?
पूजा-तुम्हारा काम मैँने आसान कर दिया और अब तुम दोनो भी मरोगे।
प्रेम-एक मिनट लेकिन तुमने मालिक को क्युँ मार डाला।
पूजा-बॉस बनने के लिए। पहले मुझे हर काम के लिए मालिक से इजाजत लेनी पड़ती थी। लेकिन अब नहीँ,अब मझे रोकने-टोकने वाला कोई नहीँ बचा।यहाँ पर मैँ तुम दोनो को मार डालुँगी उधर अपने गैँग से जाकर कहुँगी कि तुमदोनोँ से मालिक को मार डाला था फिर मैँने तुमलोगो को मार डाला।
प्रेम-पर,पर क्या कोई बहन अपने भाई को भी मार सकती है क्या? कैसी बहन हो तुम जो अपने भाई को मारने मेँ थोड़ा सा भी नहीँ हिचकी।
पूजा-तुमसे किसने कहा कि मैँ मालिक की बहन हुँ?
प्रेम-तो?
पूजा-मेरी और माया की जगह बदल लो सब समझ जाओगे।
प्रेम-जगह बदल लो मतलब।
पूजा-लो मैँ तुम्हेँ चालाक समझती हुँ और तुम बेवकूफोँ जैसी बातेँ करने लगे। जगह बदलने का मतलब है कि माया मालिक की बहन है और मैँ मालिक की दुश्मन,मालिक ने मेरे भाई को मारा था और मैँ उसे मारने का रास्ता ढ़ूंढ़ रही थी।जब तुम पहली बार मालिक के अड्डे पर आए थे और मालिक को भी अपने बातोँ के जाल मेँ फँसा लिया तो मुझे लगा कि तुम मालिक को मार सकते हो। मैँने तुम्हेँ किसी भी तरह गैँग मेँ भर्ती किया ताकि तुम्हेँ अपने जाल मेँ फँसाकर मालिक को मरवा सकूँ।पर तुम मेरे बिछाए जाल मेँ पहले से ही आ गए थे।माया के जरिए अब तो तुम्हेँ बस उकसाना था मालिक को मारने के लिए और उसके लिए मैँने पहले ही अपने गैँग मेँ अपनी जगह माया की फोटो लगवा दी थी और मैँ ऐसा व्यवहार कर रही थी मानोँ मैँ मालिक की सच्ची हमदर्द हुँ और तुम्हेँ मालिक को मारने से रोकना चाहती हुँ।
प्रेम-पर तुमने अपनी और माया की जगह कैसे बदल ली और किसी को कोई शक क्युँ नहीँ हुआ?
पूजा-अबे मरने से पहले सारे जवाब जानना जरुरी है क्या चुपचाप नहीँ मर सकता क्या?
प्रेम-चुपचाप मर गया तो मेरी आत्मा भटकती रह जाएगी और अगर मैँ भूत बन गया तो सबसे पहले तुझे ही मारुँगा ना मारुँगा नहीँ तेरे ऊपर चढ़ जाऊँगा और तुझे जीवनभर सताता रहुँगा अब बोल क्या तू चाहती है कि मेरी आत्मा जीवनभर तुझे सताए।
पूजा-मैँ भूत-वूत पर यकीन नहीँ करती।
प्रेम-मत कर जब पँगे पड़ेगा तब पता चल जाएगा।
पूजा सोचती है(क्या पता ये सच कह रहा हो रिस्क क्युँ लिया जाए वैसे भी बताने मेँ कोई नुकसान नहीँ है कुछ ही देर मेँ दोनोँ परलोक सिधार जाएँगे।)
पूजा-सुन मुझे अपने गुप्तचरोँ से पता चला था कि मालिक की बहन अपनी पढ़ाई पूरी करके वापस आ रही है मैँने सोचा कि इसको किडनैप करके इसकी जान के बदले मालिक की जान का सौदा करुँगी।पर इसे किडनैप करने पर मुझे एक अच्छी खबर मिली कि इसने अपने भाई को सिर्फ बचपन मेँ देखा था और सिर्फ उसका नाम ही इसे याद है। तब मेरे दिमाग मेँ एक आइडिया आया कि अगर मैँ इसकी जगह ले लुँ तो मेरा दोनोँ जगहोँ पर कब्जा हो जाएगा।फिर मैँने इसे झूठी कहानी कह सुनाई कि इसके भाई को मालिक ने मार डाला है और उसके नाम रखकर डॉन बन गया है।तब इसने मालिक को मारने की सोच ली जो कि मैँ चाहती थी।
प्रेम-प्लान तो बढ़िया है पर मालिक और माया ने तुझे क्युँ नहीँ पहचाना?
पूजा-क्युँकि मैँने अपने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था और ये कहकर वह अपना मास्क उतार देती है।
माया-इतना बड़ा गेम तुमने मुझे ही मेरे भाई के खिलाफ भड़का दिया और मेरा भाई एक डॉन है।(और यह कहकर माया रोने लगी पर प्रेम चुपचाप था)
पूजा-अब तुम दोनोँ के मरने का वक्त आ गया है।ये भी एक इतफाक ही है कि ये जँगल ही मेरा मुख्य अड्डा है और मेरे सबसे बड़े किलर की जो तूने हालत की थी उसका बदला वह आज तुझसे लेगा।
प्रेम-क्या?अच्छा तो वह शराबी उसकी जो गत मैँने बनाई थी उसके बाद भी वह मुझसे लड़ने को तैयार होगा।
पूजा-लो वह आ गया उसी से पूछ लो।
प्रेम ने शराबी को आते देख लिया और चारोँ तरफ से अपने आप को घिरा हुआ पाया।
शराबी प्रेम को देखते ही-म..मुझे इससे लड़ना है।
प्रेम-हाँ बेटे तुझे मुझसे लड़ना है पिछली लड़ाई याद है ना।
शराबी (पूजा से)-मालकिन मैँ इससे नहीँ लड़ने का।ये पता नहीँ कौन सा प्रेम स्टाइल जानता है जिससे वार करने वाले को ही चोट लगती है।
प्रेम-देख लिया।
पूजा(शराबी से)-अबे चुप कोई स्टाइल-वस्टाइल नहीँ था वह। इसने अपने कपड़ो के नीचे बँदूके बांधी थी जिसपर वार करने से तुझे ही चोट लग रही थी।
शराबी-क्या? मैँ इसे अब नहीँ छोड़ने का।इसकी एक-एक हड्डी अब किर्तन करेगी।
प्रेम-बुहुहु तुझे कैसे पता चला ये राज?
पूजा-मैँ तेरी एक-एक गतिविधि पर नजर रख रही थी।
और बेचारे प्रेम को मजबुरन वह लड़ाई लड़नी ही थी।पर प्रेम लड़ाई करते-2 क्या सोच रहा था।
प्रेम-(किसी भी तरह इसे आधे घंटे रोक सकुँ तो मेरा काम हो जाएगा।)
शराबी-अब देखा प्रेम स्टाइल ले मैँने तुझे मारा अब दर्द मुझे नहीँ तुझे होगा।
इस अचानक हुए हमले से प्रेम दो-तीन फीट दूर जा गिरा पर जल्दी ही सँभल गया।
प्रेम-क्युँ बच्चे की जान के पीछे पड़ा है देख मैँ तुझे एक लाख दूँगा मेरी साइड मेँ आजा और इस चुड़ैल पूजा को ही मार डाल।
शराबी-थू इतने पैसे मेँ मैँ एक मक्खी को ना मारुँ मालकिन पर हाथ उठाना तो दूर की बात है।
प्रेम-अबे तो कितना लेकर इस पूजा का काम तमाम करने को राजी होगा तु जितना बोलेगा उतना मैँ देने को तैयार हुँ।
शराबी-तू कितना भी दे मुझे मँजुर नहीँ आज तो तेरी अर्थी ही यहाँ से जाएगी और तुझे अर्थी पर मैँ पहुँचाऊगा दम है तो बच ले।
क्रमश:
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भाग-9.....
प्रेम-कोई मुझे ललकारे तो मैँ उसका चैँलेज कुबुल करता हुँ।कब से तुझे समझा रहा था पर नहीँ माना तू। अब मत कहना कि मैँने तुझे समझाया नहीँ था।
शराबी ये सुनकर गुस्से मेँ आग-बबुला होकर प्रेम पर वार करना चाहा पर प्रेम बच गया।
प्रेम-बच्चे मैँने तेरे जैसो के ही कारण बचाव टेक्निक सीखने पर ज्यादा ध्यान दिया क्युँकि कोई भी कितना भी बड़ा सूरमा क्युँ ना है,तब तक किसी को नहीँ हरा सकता जब तक कि उसका वार पड़े।
शराबी ये सुनकर प्रेम पर दनादन वार करने लगता है बिना देखे कि वार कहाँ लग रहा है और प्रेम उसका हर वार बचाता रहा। वार रोकते-2 प्रेम वार करने का रास्ता भी ढूँढ रहा था और उसे रास्ता भी मिल गया।वह पूजा के सामने जा खड़ा हुआ और जैसे ही शराबी ने वार किया वार पूजा को जा लगा और शराबी का ध्यान भी पूजा पर चला गया जिसका भरपूर फायदा प्रेम ने उठाया और शराबी को दो-तीन मुक्के जड़ दिए।इधर पूजा जो शराबी का वार खाकर अभी सँभली थी उसने शराबी से कहा-प्रेम को सँभालना मुश्किल है पहले माया को पकड़ो।
शराबी माया की तरफ बढ़ता है।माया जो हकीकत जानकर अभी तक रो रही थी कि उसने खुद ही मालिक उर्फ अपने भाई को मरवा दिया।शराबी जाकर माया पर वार करने लगता है पर माया जवाब नहीँ देती। इधर प्रेम माया को बचाने जाता है पर उसे पूजा के दूसरे आदमी रोक लेते है और वह उनसे उलझ जाता है।इधर माया पर लगातार वार होते जा रहे थे पर वह चुपचाप मालिक की बॉडी को देख रही थी।पर तभी एक और घटनाक्रम शुरु हो जाता है।मालिक के गैँग के आदमी वहाँ पहुँच जाते है और पूजा के गैँग के आदमी से टक्कर लेने लगते है।पूजा ये देखकर हैरान हो जाती है कि मालिक के आदमी यहाँ पर कहाँ से आ गए।
पूजा-ये...ये कहाँ से आ गए?इन्हेँ तो यहाँ का पता भी नहीँ मालूम था और ना ही ये जानते थे कि हम यहाँ है।(प्रेम की तरफ देखकर)तूने तो कोई संदेश भेजा नहीँ और माया तो अभी सदमे मेँ है तो वह इस हाल मेँ है नहीँ कि वह कोई संदेश भेजे।कहीँ पर कुछ गड़बड़ है।
प्रेम-जैसे भी आए हो तेरी पोल तो खुल गई है अब ये तुझे जिन्दा नहीँ छोड़ेँगे।
पूजा-मौत मेरी नहीँ तेरी आएगी इनके यहाँ आने से तो और भी अच्छा हो गया अब ये ही तुझे और माया को मार डालेँगे।
और ऐसा कहकर वह जल्दी से अपना मास्क वापस पहन लेती है।
(अभी तक मालिक के गुन्डोँ ने पूजा का असली चेहरा नहीँ देखा था)
प्रेम-तेरी अक्ल घास चरने गई है क्या जो ऐसा सोच रही है? एक मिनट मेँ तेरी यह पोल खुल जाएगी।
पूजा-अगर तूने मुँह खोला तो शराबी एक ही वार मेँ माया का काम तमाम कर देगा। और रही मालिक को मारने की बात तो जिस रिवॉल्वर से गोली चली है उसपर तेरी उँगलियोँ के निशान हैँ।मैँ भले ही फँसू पर तेरा मरना निश्चित है।और तुझे अगर कोई बचा सकता है तो वह है माया।इसीलिए सोच समझ कर कदम उठाना।
प्रेम सोचता है-(चुड़ैल मैँने ऐसा कदम उठाया है कि तेरे पैरो तले जमीन खिसक जाएगी अगर तुझे पता चला तो। बस 5 मिनट और उसके बाद तू देखेगी कि प्रेम क्या है)
और प्रेम अपने आस-पास के गुंडो से लड़ता हुआ शराबी के पास जाना चाहता है पर सफल नहीँ हो पाता
इधर शराबी का एक वार अचानक माया के सिर पर लगता है और वह होश मेँ आ जाती है और अपने बचाव पर ध्यान देती है।उसे थोड़े बहुत दाँव-पेँच तो मालूम थे पर इतने नहीँ कि वह शराबी से सामना कर सके।उसने अपने बैग से एक पाउडर की डिबिया निकाली जो उसने रास्ते मेँ प्रेम और मालिक से छुपकर खरीदी थी और उसे शराबी पर उछाल दिया।शराबी के बदन पर पड़ते ही पाउडर ने अपना कमाल दिखाया और शराबी अपने पूरे शरीर को खुजलाने लगा और माया ने उसकी बैँड बजा दी।
शराबी-ये तूने क्या लगा दिया पूरे शरीर मेँ जलन और खुजली होने लगी?
माया-बच्चु मैँने तेरे शरीर पर मिर्च और नमक का मिला जुला पाउडर फेँका था नमक और मिर्च ने तेरे जख्मोँ मेँ जलन मचा दी और पसीने से भीगे तेरे बदन मेँ इससे जलन भी हो गई।मैँ तो हमेशा ये चीजेँ अपने पास रखती थी क्युँकि मुझे चटकदार चीजेँ खाने की आदत है पर मुझे क्या पता था कि इससे मेरी जान भी बच जाएगी और ये कहकर माया ने एक जोरदार घूँसा शराबी के मुँह पर मारा और शराबी बेहोश हो गया।
प्रेम ने ये सब देख लिया था वह जोर से चिल्लाया-वाह मेरी शेरनी तूने तो कमाल कर दिया अब जरा इस चालबाज औरत को भी मजा चखा दे।
पर मालिक के गुंडे जो पूजा के गुंडो को मार चुके थे या घायल कर चुके थे उन्होनेँ आकर माया को पकड़ लिया।
माया-मुझे छोड़ो और और पूजा को पकड़ो वह गद्दार है।मैँ मालिक की बहन हुँ इसने प्लान करके मेरी जगह अपने से बदल ली थी।और इसी के प्लान कारण मैँ अपने ही भाई की हत्या कर देना चाहती थी और करवा भी दी(सुबुक-सुबुक)।
एक गुंडा-हमेँ उल्लु समझती है क्या जो हम तेरी चिकनी चुपड़ी बातोँ मेँ आ जाए। पूजा मेमसाब हमेशा मालिक की सेवा मेँ लगी रहती थी कई बार उन्होनेँ इस धोखेबाज प्रेम की पोल खोलनी चाही पर ये हर बार बच गया।
प्रेम-अबे उल्लुओ के पट्ठो माया सही कह रही है वह ही मालिक की असली बहन है।
वही गुंडा-तुम दोनोँ मँजनु मिलकर हमेँ बेवकूफ बनाना चाहते हो।हम जानते है कि कौन सही है और कौन गलत।
प्रेम-तुम्हेँ हकीकत नहीँ पता है।इसने(पूजा) मास्क पहन रखा है चाहो तो तुम देख सकते हो।
वहीँ गुंडा-चुप तेरी बातोँ का विश्वास नहीँ है हमेँ तूने हमारे भी नाक मेँ दम किया हुआ था आज सबका बदला हम लेँगे।(सभी गुंडो से)क्युँ भाईयोँ बदला लेना है या नहीँ।
सभी गुंडे(एकसाथ)-हाँ हाँ लेना है बदला।
प्रेम-1 मिनट रुक जाओ फिर तुम्हेँ हकीकत मालूम चल जाएगी कि कौन धोखेबाज है मैँ या चालबाज पूजा।
इधर माया को घेर कर खड़े गुंडे निश्चिँत थे कि तभी माया ने वही पाउडर निकाला और सबकी आँखो मेँ झोँक दी।और भागकर पूजा का मास्क उतार दिया।
बाकी बचे सभी गुंडे पूजा का असली चेहरा देख आश्चर्यचकित रह गए।
इधर पूजा ने अपना राज खुलते देख प्रेम और माया पर गोली चला दी जो सीधा जाकर उनके दिलोँ मेँ लगा।
क्रमश:
शराबी ये सुनकर गुस्से मेँ आग-बबुला होकर प्रेम पर वार करना चाहा पर प्रेम बच गया।
प्रेम-बच्चे मैँने तेरे जैसो के ही कारण बचाव टेक्निक सीखने पर ज्यादा ध्यान दिया क्युँकि कोई भी कितना भी बड़ा सूरमा क्युँ ना है,तब तक किसी को नहीँ हरा सकता जब तक कि उसका वार पड़े।
शराबी ये सुनकर प्रेम पर दनादन वार करने लगता है बिना देखे कि वार कहाँ लग रहा है और प्रेम उसका हर वार बचाता रहा। वार रोकते-2 प्रेम वार करने का रास्ता भी ढूँढ रहा था और उसे रास्ता भी मिल गया।वह पूजा के सामने जा खड़ा हुआ और जैसे ही शराबी ने वार किया वार पूजा को जा लगा और शराबी का ध्यान भी पूजा पर चला गया जिसका भरपूर फायदा प्रेम ने उठाया और शराबी को दो-तीन मुक्के जड़ दिए।इधर पूजा जो शराबी का वार खाकर अभी सँभली थी उसने शराबी से कहा-प्रेम को सँभालना मुश्किल है पहले माया को पकड़ो।
शराबी माया की तरफ बढ़ता है।माया जो हकीकत जानकर अभी तक रो रही थी कि उसने खुद ही मालिक उर्फ अपने भाई को मरवा दिया।शराबी जाकर माया पर वार करने लगता है पर माया जवाब नहीँ देती। इधर प्रेम माया को बचाने जाता है पर उसे पूजा के दूसरे आदमी रोक लेते है और वह उनसे उलझ जाता है।इधर माया पर लगातार वार होते जा रहे थे पर वह चुपचाप मालिक की बॉडी को देख रही थी।पर तभी एक और घटनाक्रम शुरु हो जाता है।मालिक के गैँग के आदमी वहाँ पहुँच जाते है और पूजा के गैँग के आदमी से टक्कर लेने लगते है।पूजा ये देखकर हैरान हो जाती है कि मालिक के आदमी यहाँ पर कहाँ से आ गए।
पूजा-ये...ये कहाँ से आ गए?इन्हेँ तो यहाँ का पता भी नहीँ मालूम था और ना ही ये जानते थे कि हम यहाँ है।(प्रेम की तरफ देखकर)तूने तो कोई संदेश भेजा नहीँ और माया तो अभी सदमे मेँ है तो वह इस हाल मेँ है नहीँ कि वह कोई संदेश भेजे।कहीँ पर कुछ गड़बड़ है।
प्रेम-जैसे भी आए हो तेरी पोल तो खुल गई है अब ये तुझे जिन्दा नहीँ छोड़ेँगे।
पूजा-मौत मेरी नहीँ तेरी आएगी इनके यहाँ आने से तो और भी अच्छा हो गया अब ये ही तुझे और माया को मार डालेँगे।
और ऐसा कहकर वह जल्दी से अपना मास्क वापस पहन लेती है।
(अभी तक मालिक के गुन्डोँ ने पूजा का असली चेहरा नहीँ देखा था)
प्रेम-तेरी अक्ल घास चरने गई है क्या जो ऐसा सोच रही है? एक मिनट मेँ तेरी यह पोल खुल जाएगी।
पूजा-अगर तूने मुँह खोला तो शराबी एक ही वार मेँ माया का काम तमाम कर देगा। और रही मालिक को मारने की बात तो जिस रिवॉल्वर से गोली चली है उसपर तेरी उँगलियोँ के निशान हैँ।मैँ भले ही फँसू पर तेरा मरना निश्चित है।और तुझे अगर कोई बचा सकता है तो वह है माया।इसीलिए सोच समझ कर कदम उठाना।
प्रेम सोचता है-(चुड़ैल मैँने ऐसा कदम उठाया है कि तेरे पैरो तले जमीन खिसक जाएगी अगर तुझे पता चला तो। बस 5 मिनट और उसके बाद तू देखेगी कि प्रेम क्या है)
और प्रेम अपने आस-पास के गुंडो से लड़ता हुआ शराबी के पास जाना चाहता है पर सफल नहीँ हो पाता
इधर शराबी का एक वार अचानक माया के सिर पर लगता है और वह होश मेँ आ जाती है और अपने बचाव पर ध्यान देती है।उसे थोड़े बहुत दाँव-पेँच तो मालूम थे पर इतने नहीँ कि वह शराबी से सामना कर सके।उसने अपने बैग से एक पाउडर की डिबिया निकाली जो उसने रास्ते मेँ प्रेम और मालिक से छुपकर खरीदी थी और उसे शराबी पर उछाल दिया।शराबी के बदन पर पड़ते ही पाउडर ने अपना कमाल दिखाया और शराबी अपने पूरे शरीर को खुजलाने लगा और माया ने उसकी बैँड बजा दी।
शराबी-ये तूने क्या लगा दिया पूरे शरीर मेँ जलन और खुजली होने लगी?
माया-बच्चु मैँने तेरे शरीर पर मिर्च और नमक का मिला जुला पाउडर फेँका था नमक और मिर्च ने तेरे जख्मोँ मेँ जलन मचा दी और पसीने से भीगे तेरे बदन मेँ इससे जलन भी हो गई।मैँ तो हमेशा ये चीजेँ अपने पास रखती थी क्युँकि मुझे चटकदार चीजेँ खाने की आदत है पर मुझे क्या पता था कि इससे मेरी जान भी बच जाएगी और ये कहकर माया ने एक जोरदार घूँसा शराबी के मुँह पर मारा और शराबी बेहोश हो गया।
प्रेम ने ये सब देख लिया था वह जोर से चिल्लाया-वाह मेरी शेरनी तूने तो कमाल कर दिया अब जरा इस चालबाज औरत को भी मजा चखा दे।
पर मालिक के गुंडे जो पूजा के गुंडो को मार चुके थे या घायल कर चुके थे उन्होनेँ आकर माया को पकड़ लिया।
माया-मुझे छोड़ो और और पूजा को पकड़ो वह गद्दार है।मैँ मालिक की बहन हुँ इसने प्लान करके मेरी जगह अपने से बदल ली थी।और इसी के प्लान कारण मैँ अपने ही भाई की हत्या कर देना चाहती थी और करवा भी दी(सुबुक-सुबुक)।
एक गुंडा-हमेँ उल्लु समझती है क्या जो हम तेरी चिकनी चुपड़ी बातोँ मेँ आ जाए। पूजा मेमसाब हमेशा मालिक की सेवा मेँ लगी रहती थी कई बार उन्होनेँ इस धोखेबाज प्रेम की पोल खोलनी चाही पर ये हर बार बच गया।
प्रेम-अबे उल्लुओ के पट्ठो माया सही कह रही है वह ही मालिक की असली बहन है।
वही गुंडा-तुम दोनोँ मँजनु मिलकर हमेँ बेवकूफ बनाना चाहते हो।हम जानते है कि कौन सही है और कौन गलत।
प्रेम-तुम्हेँ हकीकत नहीँ पता है।इसने(पूजा) मास्क पहन रखा है चाहो तो तुम देख सकते हो।
वहीँ गुंडा-चुप तेरी बातोँ का विश्वास नहीँ है हमेँ तूने हमारे भी नाक मेँ दम किया हुआ था आज सबका बदला हम लेँगे।(सभी गुंडो से)क्युँ भाईयोँ बदला लेना है या नहीँ।
सभी गुंडे(एकसाथ)-हाँ हाँ लेना है बदला।
प्रेम-1 मिनट रुक जाओ फिर तुम्हेँ हकीकत मालूम चल जाएगी कि कौन धोखेबाज है मैँ या चालबाज पूजा।
इधर माया को घेर कर खड़े गुंडे निश्चिँत थे कि तभी माया ने वही पाउडर निकाला और सबकी आँखो मेँ झोँक दी।और भागकर पूजा का मास्क उतार दिया।
बाकी बचे सभी गुंडे पूजा का असली चेहरा देख आश्चर्यचकित रह गए।
इधर पूजा ने अपना राज खुलते देख प्रेम और माया पर गोली चला दी जो सीधा जाकर उनके दिलोँ मेँ लगा।
क्रमश:
AMAN KUMAR- Posts : 84
Join date : 2012-06-07
भाग-10.....
पूजा-मैँ अगर नहीँ बचूँगी तो तुम दोनोँ भी नहीँ बचोगे।
इधर सच्चाई जानते ही मालिक के गुंडे पूजा को पकड़ लेते है पर गोली चल चुकी थी।
प्रेम-ये बहुत ही पुराना और घिसा-पीटा स्टाइल है कुछ नया कहना चाहिए था।विलेन खुद तो फँसता है पर अंत तक हीरो को मारने के सपने देखता रहता है।
पूजा-त..तुम पर गोलियोँ का असर क्युँ नहीँ हुआ और ना ही माया पर?
प्रेम-गोलियाँ नकली है।
पूजा-न..नकली।फिर मालिक कैसे मर गया?
प्रेम-मरे नहीँ है बेहोश है अब तक तो इनको होश मेँ आ जाना चाहिए था पर नहीँ आए।
पर तभी मालिक को होश आ जाता है।
प्रेम-लो आ गए होश मेँ।
पूजा-यानी त..तुम्हेँ शुरु से ही मेरा प्लान मालुम था।
इधर माया मालिक के जिन्दा होने पर खुश हो जाती है।
प्रेम-शुरुआत मेँ तो नहीँ पता था पर जब मैँने तुम्हारे गैँग पर हमला किया था तब मुझे हल्का सा शक हुआ।बेशक वहाँ पर माया का फोटो था पर तुम्हारे कमांडर की बातेँ सुनकर "मैँ जानता हुँ कि मालकिन वहाँ पर है" मैँ कुछ कन्फ्युज हो गया क्युँकि अगर वह जानता था कि मालकिन यानी कि माया वहाँ पर है तो फिर उसने माया को छुड़ाने की कोशिश क्युँ नहीँ कि।दुसरी बात कि उसने आत्महत्या क्युँ कि क्युँकि यहाँ तो(मालिक का गैँग)सब जानते थे कि माया मालिक की दुश्मन है और ये साबित करना मेरे लिए आसान है फिर भी मरना उसने बेहतर समझा क्युँकि उसे मालुम था कि अगर वह जिन्दा रहा तो शायद सच्चाई सबको मालुम चल जाती।तब मैँने शुरु से सभी प्वांइट नोट किए और मुझे कुछ और निष्कर्ष मिले।तीसरा तुमने मुझसे कहा था कि तुम दो दिन पहले अपनी पढ़ाई पूरी करके आई हो फिर भी तुम्हेँ पूरी जानकारी थी कि गैँग को कैसे कंट्रोल करना है कैसे किसी को गैँग मेँ भर्ती करना है अपना काम निकलवाना है जबकि मालिक के अनुसार उनकी बहन को गैँग के बारे मेँ जानकारी नहीँ थी।चौथा माया सिर्फ अपने भाई की हत्या का बदला लेने को कह रही थी अड्डे के बारे मेँ नहीँ।लेकिन वह झूठ भी बोल सकती थी।
अब मैँने इन चारोँ निष्कर्ष को मालिक को बताया पर उन्हेँ यकीन था कि तुम(पूजा)ही उनकी बहन हो तब मैँने एक प्लान सोचा।प्लान के मुताबिक मैँ मालिक को मारता और इससे कई परिणाम निकलते।
पहला अगर माया का कोई गैँग होता तो वह मुझे वहाँ ले जाती और मैँ मालिक को अड्डे का पता बता देता पर माया को कोई कुछ ना कहता।उसे तो यह भी पता नहीँ लगता कि मालिक जिंदा हैँ या मर गए।
दूसरा अगर वह मुझे धोखा देती तो मैँ उसे वही मार डालता।
तीसरा अगर मेरा सोचना सही रहता कि तुम मालिक की दुश्मन हो जो कि तुम हो तो तुम इस मौके का फायदा जरुर उठाती।मैँने जानबूफ कर माया से कहा था कि मैँ मालिक को मारने को तैयार हुँ मैँ जानता था कि तुम मेरी बात सुन रही हो।फिर तुम्हारे ही सामने मैँने मालिक से कहा कि माया अपने अड्डे का पता बताने को तैयार है।मुझे मालुम था कि तुम हमारा पीछा भी कर रही हो। मुझे भी तुम्हारे व्यवहार से ऐसा लगने लगा कि कहीँ तुम ही मालिक की असली बहन तो नही हो मैँ बेकार मेँ तुम्हारे ऊपर शक कर रहा हुँ। पर ना मेरा शक सही निकला।
मालिक-पर मैँ बेहोश कैसे हो गया था?
प्रेम-जब मैँ आपके हाथ से रिवॉल्वर खीँच रहा था तो मैँने आपको बेहोशी का इंजेक्शन लगा दिया था।ताकि आप प्लान को फेल ना कर दे क्युँकि फिर हो सकता था कि आप मरने का नाटक ना कर पाते और पूजा के झूठी होने पर वह अपना पूरा प्लान आपके सामने ना खोलती।और रही यहाँ पर हमारे आदमियोँ के आ जाने की बात तो मालिक ने उन्हेँ पहले ही इस जगह के बारे मेँ बता दिया था और साथ ही समय भी।पर प्लान नहीँ।
माया-तुमने मुझे धोखा दिया।
प्रेम-धोखा नहीँ देना चाहता था और ना ही तुम्हेँ खोना चाहता था अगर अभी भी तुम कहो तो मैँ मालिक को मार सकता हुँ और प्रेम धीरे से मालिक को इशारा करता है और मालिक समझ जाता है।प्रेम तुरंत ही मालिक पर गोली चला देता है।
माया-नहीँ ये क्या किया तुमने।
प्रेम-तुमने ही तो कहा था मालिक को मारने को और मैँने मार डाला।अब क्या परेशानी है।
माया-तब की बात और थी और अब दूसरी।पहले मैँ मालिक को अपने भाई का हत्यारा समझती थी पर अब मैँ जान चुकी थी मालिक ही मेरे भाई है।पर तुमने उन्हेँ मार दिया।
प्रेम-ना मारो तो परेशानी और मारो तो परेशानी।तुम मुझसे नाराज थी कि मैँने मालिक को नहीँ मारा इसीलिए मैँने मालिक को मार डाला अब तो नाराज मत होओ।
माया-ऊँह, तुम पागल हो जाओ मैँ तुमसे बात नहीँ करती।
प्रेम-पर क्युँ?
माया-तुमने मेरे भाई को मार डाला।
प्रेम-अजीब लड़की है।एक बार निर्णय कर लो कि क्या करना है?
माया-अब क्या फायदा?
प्रेम-फायदा है क्युँकि मालिक अभी जिन्दा है मैँने उन्हेँ नकली गोलियाँ मारी थी सोचा कि एक गोली बचाकर क्या करना?
माया-क्या तुमने फिर धोखा किया?
मालिक-गुस्सा मत करो बहना इसी की वजह से तो हम मिले है वरना तुम तो मुझे अपने भाई का हत्यारा समझ रही थी और ये(पूजा) पहले मुझे मार डालती और बाद मैँ तुम्हेँ भी फिर हमारे गैँग पर भी कब्जा कर लेती।
मार डालो इसको।
प्रेम-ठहरिए साले साहब इसे मारने से ज्यादा अच्छा कैद करके रखना है जैसा कि इसने माया के साथ किया।
मालिक- साले साहब! तु मेरा जीजा कब हो गया।
प्रेम-लो कर लो बात पत्नी के भाई को साला नहीँ तो और क्या कहेँगे?
मालिक-इसने कब कहा कि ये तुझसे शादी करेगी।
प्रेम-मेरी शादी को लेकर ही तो माया से मिला था फिर तुम्हारे गैँग मेँ भर्ती हुआ।
और फिर प्रेम शुरुआत से सारी बात मालिक को बता देता है कि उसे ज्योतिषी ने बताया कि उसे अपने सपनोँ की रानी किसी गैँग मेँ मिलेगी।और फिर कैसे उसने सारी प्लानिँग की।
मालिक-एक बात बता अगर तेरा झूठ उस समय पकड़ा जाता और मैँ तुझे मारने का हुक्म दे देता तो तु क्या करता।
प्रेम-तब की तब देखते।जो हुआ नहीँ उसे क्या सोचना।
मालिक-ठीक है तेरी शादी इससे होगी पर धूम-धाम से।
फिर सब हँसी-खुशी वापस चल देते है।
समाप्त
इधर सच्चाई जानते ही मालिक के गुंडे पूजा को पकड़ लेते है पर गोली चल चुकी थी।
प्रेम-ये बहुत ही पुराना और घिसा-पीटा स्टाइल है कुछ नया कहना चाहिए था।विलेन खुद तो फँसता है पर अंत तक हीरो को मारने के सपने देखता रहता है।
पूजा-त..तुम पर गोलियोँ का असर क्युँ नहीँ हुआ और ना ही माया पर?
प्रेम-गोलियाँ नकली है।
पूजा-न..नकली।फिर मालिक कैसे मर गया?
प्रेम-मरे नहीँ है बेहोश है अब तक तो इनको होश मेँ आ जाना चाहिए था पर नहीँ आए।
पर तभी मालिक को होश आ जाता है।
प्रेम-लो आ गए होश मेँ।
पूजा-यानी त..तुम्हेँ शुरु से ही मेरा प्लान मालुम था।
इधर माया मालिक के जिन्दा होने पर खुश हो जाती है।
प्रेम-शुरुआत मेँ तो नहीँ पता था पर जब मैँने तुम्हारे गैँग पर हमला किया था तब मुझे हल्का सा शक हुआ।बेशक वहाँ पर माया का फोटो था पर तुम्हारे कमांडर की बातेँ सुनकर "मैँ जानता हुँ कि मालकिन वहाँ पर है" मैँ कुछ कन्फ्युज हो गया क्युँकि अगर वह जानता था कि मालकिन यानी कि माया वहाँ पर है तो फिर उसने माया को छुड़ाने की कोशिश क्युँ नहीँ कि।दुसरी बात कि उसने आत्महत्या क्युँ कि क्युँकि यहाँ तो(मालिक का गैँग)सब जानते थे कि माया मालिक की दुश्मन है और ये साबित करना मेरे लिए आसान है फिर भी मरना उसने बेहतर समझा क्युँकि उसे मालुम था कि अगर वह जिन्दा रहा तो शायद सच्चाई सबको मालुम चल जाती।तब मैँने शुरु से सभी प्वांइट नोट किए और मुझे कुछ और निष्कर्ष मिले।तीसरा तुमने मुझसे कहा था कि तुम दो दिन पहले अपनी पढ़ाई पूरी करके आई हो फिर भी तुम्हेँ पूरी जानकारी थी कि गैँग को कैसे कंट्रोल करना है कैसे किसी को गैँग मेँ भर्ती करना है अपना काम निकलवाना है जबकि मालिक के अनुसार उनकी बहन को गैँग के बारे मेँ जानकारी नहीँ थी।चौथा माया सिर्फ अपने भाई की हत्या का बदला लेने को कह रही थी अड्डे के बारे मेँ नहीँ।लेकिन वह झूठ भी बोल सकती थी।
अब मैँने इन चारोँ निष्कर्ष को मालिक को बताया पर उन्हेँ यकीन था कि तुम(पूजा)ही उनकी बहन हो तब मैँने एक प्लान सोचा।प्लान के मुताबिक मैँ मालिक को मारता और इससे कई परिणाम निकलते।
पहला अगर माया का कोई गैँग होता तो वह मुझे वहाँ ले जाती और मैँ मालिक को अड्डे का पता बता देता पर माया को कोई कुछ ना कहता।उसे तो यह भी पता नहीँ लगता कि मालिक जिंदा हैँ या मर गए।
दूसरा अगर वह मुझे धोखा देती तो मैँ उसे वही मार डालता।
तीसरा अगर मेरा सोचना सही रहता कि तुम मालिक की दुश्मन हो जो कि तुम हो तो तुम इस मौके का फायदा जरुर उठाती।मैँने जानबूफ कर माया से कहा था कि मैँ मालिक को मारने को तैयार हुँ मैँ जानता था कि तुम मेरी बात सुन रही हो।फिर तुम्हारे ही सामने मैँने मालिक से कहा कि माया अपने अड्डे का पता बताने को तैयार है।मुझे मालुम था कि तुम हमारा पीछा भी कर रही हो। मुझे भी तुम्हारे व्यवहार से ऐसा लगने लगा कि कहीँ तुम ही मालिक की असली बहन तो नही हो मैँ बेकार मेँ तुम्हारे ऊपर शक कर रहा हुँ। पर ना मेरा शक सही निकला।
मालिक-पर मैँ बेहोश कैसे हो गया था?
प्रेम-जब मैँ आपके हाथ से रिवॉल्वर खीँच रहा था तो मैँने आपको बेहोशी का इंजेक्शन लगा दिया था।ताकि आप प्लान को फेल ना कर दे क्युँकि फिर हो सकता था कि आप मरने का नाटक ना कर पाते और पूजा के झूठी होने पर वह अपना पूरा प्लान आपके सामने ना खोलती।और रही यहाँ पर हमारे आदमियोँ के आ जाने की बात तो मालिक ने उन्हेँ पहले ही इस जगह के बारे मेँ बता दिया था और साथ ही समय भी।पर प्लान नहीँ।
माया-तुमने मुझे धोखा दिया।
प्रेम-धोखा नहीँ देना चाहता था और ना ही तुम्हेँ खोना चाहता था अगर अभी भी तुम कहो तो मैँ मालिक को मार सकता हुँ और प्रेम धीरे से मालिक को इशारा करता है और मालिक समझ जाता है।प्रेम तुरंत ही मालिक पर गोली चला देता है।
माया-नहीँ ये क्या किया तुमने।
प्रेम-तुमने ही तो कहा था मालिक को मारने को और मैँने मार डाला।अब क्या परेशानी है।
माया-तब की बात और थी और अब दूसरी।पहले मैँ मालिक को अपने भाई का हत्यारा समझती थी पर अब मैँ जान चुकी थी मालिक ही मेरे भाई है।पर तुमने उन्हेँ मार दिया।
प्रेम-ना मारो तो परेशानी और मारो तो परेशानी।तुम मुझसे नाराज थी कि मैँने मालिक को नहीँ मारा इसीलिए मैँने मालिक को मार डाला अब तो नाराज मत होओ।
माया-ऊँह, तुम पागल हो जाओ मैँ तुमसे बात नहीँ करती।
प्रेम-पर क्युँ?
माया-तुमने मेरे भाई को मार डाला।
प्रेम-अजीब लड़की है।एक बार निर्णय कर लो कि क्या करना है?
माया-अब क्या फायदा?
प्रेम-फायदा है क्युँकि मालिक अभी जिन्दा है मैँने उन्हेँ नकली गोलियाँ मारी थी सोचा कि एक गोली बचाकर क्या करना?
माया-क्या तुमने फिर धोखा किया?
मालिक-गुस्सा मत करो बहना इसी की वजह से तो हम मिले है वरना तुम तो मुझे अपने भाई का हत्यारा समझ रही थी और ये(पूजा) पहले मुझे मार डालती और बाद मैँ तुम्हेँ भी फिर हमारे गैँग पर भी कब्जा कर लेती।
मार डालो इसको।
प्रेम-ठहरिए साले साहब इसे मारने से ज्यादा अच्छा कैद करके रखना है जैसा कि इसने माया के साथ किया।
मालिक- साले साहब! तु मेरा जीजा कब हो गया।
प्रेम-लो कर लो बात पत्नी के भाई को साला नहीँ तो और क्या कहेँगे?
मालिक-इसने कब कहा कि ये तुझसे शादी करेगी।
प्रेम-मेरी शादी को लेकर ही तो माया से मिला था फिर तुम्हारे गैँग मेँ भर्ती हुआ।
और फिर प्रेम शुरुआत से सारी बात मालिक को बता देता है कि उसे ज्योतिषी ने बताया कि उसे अपने सपनोँ की रानी किसी गैँग मेँ मिलेगी।और फिर कैसे उसने सारी प्लानिँग की।
मालिक-एक बात बता अगर तेरा झूठ उस समय पकड़ा जाता और मैँ तुझे मारने का हुक्म दे देता तो तु क्या करता।
प्रेम-तब की तब देखते।जो हुआ नहीँ उसे क्या सोचना।
मालिक-ठीक है तेरी शादी इससे होगी पर धूम-धाम से।
फिर सब हँसी-खुशी वापस चल देते है।
समाप्त
AMAN KUMAR- Posts : 84
Join date : 2012-06-07
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